महागठबंधन के घटक के प्रमुख घटक दल भाकपा-माले ने बिहार विधानसभा चुनाव में पहले और दूसरे चरण के अपने उम्मीदवारों की पहली और दूसरी सूची जारी कर दी है। इसबार पार्टी ने कुल 20 सीटों पर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिसमें अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग का संतुलित प्रतिनिधित्व रखा गया है। इस बार माले ने JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष धनंजय को भोरे सीट से मैदान में उतारा है। वहीं भाकपा माले ने जीरादेई सीट से अमरजीत कुशवाहा को टिकट दिया है। 20 उम्मीदवारों की इस लिस्ट के अनुसार दरौली सीट से सत्यदेव राम को मैदान में उतारा गया है। वहीं कल्याणपुर विधानसभा सीट से रंजीत कुमार राम को टिकट मिला है। जबकि वारिसनगर विधानसभा सीट से फूलबाबू सिंह को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।
मुख्यमंत्री नीतीश के गृहजिले नालंदा की बहुचर्चित राजगीर सीट से भाकपा माले ने विश्वनाथ चौधरी और पटना की दीघा विधानसभा सीट से दिव्या गौतम को टिकट दिया है। दूसरी और पटना से सटे फुलवारी विधानसभा सीट से गोपाल रविदास को चुनावी मैदान में उतारा गया है। पटना जिले की ही पालीगंज सीट से संदीप सौरभ को भाकपा माले का सिंबल मिला है जबकि आरा सीट से कयामुद्दीन अंसारी को टिकट दिया गया है। भाकपा माले की 20 सीटों की पड़ताल की जाए तो इसमें 11 विधायकों को फिर से मौका दिया गया है। नए चेहरों में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष धनंजय को भोरे सीट से उतारा गया है। धनंजय पिछले साल जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष बने, तब करीब 27 साल के बाद दलित जाति से जेएनयू छात्र संघ का अध्यक्ष बना। गया जिले से आने वाले धनंजय पासवान जाति से हैं।
भाकपा माले की कैंडिडेट लिस्ट में अगिआंव विधानसभा सीट से शिव प्रकाश रंजन को चुनाव मैदान में उतारा गया है। जबकि तरारी सीट से मदन सिंह सीपीआईएमएल प्रत्याशी होंगी। वहीं डुमरांव सीट से अजीत कुमार सिंह और सिक्ता सीट से वीरेंद्र प्रत्याशी गुप्ता प्रत्याशी होंगी। पिपरा से अनिल कुमार और बलरामपुर से महबूब आलम, काराकाट विधानसभा सीट से अरुण सिंह और अरवल सीट से महानंद सिंह प्रत्याशी बनाए गए हैं। घोसी विधानसभा सीट से रामबली सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। पार्टी ने इसबार अपनी 20 सीटों में 6 अनुसूचित जाति, 10 ओबीसी, 2 ईबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। विदित हो कि इंडिया गठबंधन में बीते दो विधानसभा चुनाव में सीपीआईएमएल का स्ट्राइक रेट सबसे अच्छा रहा है।