चुनावी साल में सीएम नीतीश बिहार को सौगात पर सौगात दे रहे हैं। आज शुक्रवार को उन्होंने राज्य को एक नई और अनूठी सौगात दी। मुख्यमंत्री ने आज पटना जिले के पुनपुन में पुनपुन नदी पर उत्तराखंड के ऋषिकेश के जैसा बिहार का पहला लक्ष्मण झूला शुरू किया। ऋषिकेश के लक्ष्मण झूले की तर्ज पर बनाया गया यह केबल सस्पेंशन ब्रिज आज से आमलोगों के लिए खोल दिया गया। यह ब्रिज न केवल स्थानीय लोगों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करता है, बल्कि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी एक नई दिशा देने वाला है।
बिहार के इस पहले लक्ष्मण झूला ब्रिज को मुख्यमंत्री के पायलट प्रोजेक्ट योजना के तहत बनाया गया है। इसकी कुल लंबाई 320 मीटर और चौड़ाई 11.50 मीटर है। जबकि इसके दोनों तरफ के पहुंच पथ की लंबाई 115 मीटर तय की गई है। पुल के निर्माण में कुल 82 करोड़ 90 लाख 48 हजार रुपये की लागत आने की बात कही गई। यह राज्य का पहला लाइट व्हीकल केबल सस्पेंशन ब्रिज है जिसमें 18 केबल और 100 फीट ऊंचा पायलन बनाया गया है। इस पुल पर हल्के वाहन और दोपहिया वाहनों का आवागमन संभव होगा। इस पर ओवरलोडेड वाहन और ट्रैक्टरों को अनुमति नहीं दी गई है।
पुनपुन नदी के किनारे स्थित अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष घाट पर बने इस पुल को खास तौर पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तैयार किया गया है। इस साल 6 से 21 सितंबर तक आयोजित होने वाले पितृपक्ष मेले में आने वाले श्रद्धालु पहली बार इस पुल के जरिए घाट तक पहुंच सकेंगे। उद्घाटन के बाद सीएम ने बताया कि इस पुल के निर्माण की घोषणा 26 जनवरी 2019 को की गई थी और लक्ष्य था कि 2025 में पितृपक्ष मेले से पहले इसका उद्घाटन हो जाए। अब यह सपना साकार हो गया है और यह पुल न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि पर्यटकीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।