नालंदा के बिहारशरीफ कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और उनके 100 से अधिक समर्थकों के खिलाफ एक केस दर्ज किया गया है जिसमें इन सभी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां पर कथित विवादित और अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। बिहारशरीफ कोर्ट में दायर यह केस एक अधिवक्ता रामकिशोर प्रसाद ने दर्ज कराया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख 9 सितंबर तय की है। उधर खबर है कि राहुल और तेजस्वी के खिलाफ इसी आरोप में एक दूसरा और अलग कोर्ट केस जमुई की स्थानीय अदालत में भी दायर कराया गया है। वहां सतीश चंद्र गुप्ता नाम के शख्स ने जमुई कोर्ट में केस दायर कराया है।
बिहारशरीफ वाले मामले में अधिवक्ता रामकिशोर प्रसाद का आरोप है कि यह घटना 27 अगस्त को उस समय हुई जब ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेताओं का काफिला सिमरी थाना क्षेत्र के बिठौली चौक से गुजर रहा था। आरोप के अनुसार, वहां एक होटल पर बनाए गए मंच से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की टिप्पणी से न केवल प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि उनकी मां का भी अपमान हुआ है, जो भारतीय संस्कृति में एक पूजनीय स्थान रखती हैं। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और सबकी निगाहें 09 सितंबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं।
उधर जमुई न्यायालय में दर्ज केस के बारे में सतीश चंद्र गुप्ता के वकील ने बताया कि दरभंगा में वोट अधिकार यात्रा के दौरान मंच से राजद-कांग्रेस और वीआईपी के सैकड़ो समर्थकों द्वारा प्रधानमंत्री एवं उनकी स्वर्गीय माता को गालियां दी गईं। यह हजारों लाखों भारतीय जनमानस को झकझोर करने वाला कृत्य है। इसके लिए सीधे तौर पर राहुल गांधी,तेजस्वी यादव और वीआईपी के मुकेश साहनी जिम्मेदार हैं। इस मामले में अदालत ने सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तय की है। इधर एनडीए ने महागठबंधन के नेताओं द्वारा पीएम की मां पर की गई इस टिप्पणी को लेकर कड़ा विरोध जताया और इसे देश की सभी माताओं का अपमान करार दिया।