राजधानी पटना में आज बुधवार को उर्दू और बांग्ला टीईटी अभ्यर्थियों ने जदयू कार्यालय का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई। इन अभ्यर्थियों का कहना था कि वो पिछले 10 सालों से रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। ये अभ्यथी पूर्व में भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। बीते दस वर्षों से अपने रिजल्ट की प्रतीक्षा कर रहे इन अभ्यर्थियों को सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है। इसी से हताश होकर आज अभ्यर्थियों ने आज जदयू कार्यालय का घेराव करने की ठानी। बताया गया कि प्रदर्शनकारी अपने हाथों में जहर की शीशियां लेकर जदयू दफ्तर पहुंचे थे।
10 वर्षों से लंबित रिजल्ट जारी करने की मांग
प्रदर्शन में शामिल उर्दू और बांग्ला टेट अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि अब भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे पार्टी कार्यालय के बाहर ही अपनी जान दे देंगे। इसके बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया और सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से जदयू कार्यालय का गेट बंद कर दिया गया। जदयू दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।इधर अभ्यर्थियों की शिकायत है कि वे 2012 से अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। लगभग 12 हजार उम्मीदवारों का रिजल्ट पहले घोषित किया गया था और उनमें से कई को पास घोषित किया गया था। लेकिन कुछ ही समय बाद परिणाम को अमान्य कर सभी उम्मीदवारों को फेल घोषित कर दिया गया। इस फैसले ने अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार बार-बार रिजल्ट जारी करने की बात करती रही है, लेकिन व्यवहार में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। दस साल का यह लंबा इंतजार उनके करियर और जीवन को प्रभावित कर चुका है। वे मानते हैं कि सरकार और संबंधित विभाग केवल समय निकालते रहे हैं और अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है।
बताया जाता है कि करीब तीन साल पहले बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सरकारी वकील से इस मामले पर कानूनी राय मांगी थी। उस राय में स्पष्ट रूप से उम्मीदवारों के पक्ष में निर्णय आया था। इसके बाद शिक्षा विभाग के निदेशक ने भी पांच फीसदी कट-ऑफ कम कर रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था। लेकिन इन तमाम प्रक्रियाओं के बावजूद अभी तक परिणाम जारी नहीं किया जा सका है।