-सब्जी की फसलों के लिए भी वरदान से कम नहीं बारिश
नवादा : जिले में थोड़े-थोड़े अंतराल पर हो रही बारिश से जिले के किसान काफी खुश हैं। बारिश से जहां धान और पान को बेहद फायदा हो रहा है, वहीं सब्जी की खेती को भी लाभ मिल रहा है। जिले में कहावत है, धान और पान, नित्य स्नान अर्थात धान और पान की फसल को हर दिन बारिश का पानी चाहिए। इन दिनों बारिश कुछ इसी प्रकार एकदम संतुलित हो कर बरस रही है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। चूंकि भदई सब्जी की फसल जानबूझ कर किसानों द्वारा ऊंचे खेतों में लगाए जाते हैं, ताकि बारिश का पानी हर हाल में आठ से दस घंटे में खेतों से निकल जाए और पानी नहीं जमे, इसलिए सब्जी की फसलों को भी कोई नुकसान नहीं हो रहा है।
बारिश का पानी अनावश्यक रूप से खेतों में जम ही नहीं रहा:- भदई सब्जी की खेती किसान योजनाबद्ध तरीके से अलान पर करते हैं ताकि लत्तर वाली सब्जी भी बारिश के पानी के खेतों में जमने के बाद भी नुकसान की स्थिति में नहीं रहे। इस प्रकार, फसलों के लिहाज से जिले में इन दिनों हो रही बारिश काफी लाभदायक साबित हो रही है। बारिश से शहर जरूर कीचड़मय है, लेकिन अभी एक-दो दिनों पर छोड़ कर जारी कभी हल्की तो कभी मध्यम दर्जे की बारिश भयंकर जलजमाव जैसी स्थिति का कारण नहीं बन रही है।
यह जरूर है कि जो निचले इलाके हैं और जहां हमेशा से ही जलजमाव की शिकायत रही है, वहां संकट चरम पर है। शहरी क्षेत्र का कीचड़मय रहना निश्चित रूप से आमलोगों के लिए कष्टकारी साबित हो रहा है। बारिश से निचले इलाकों में जलजमाव, है परेशानी नवादा शहरी क्षेत्र में कहीं जलजमाव तो कहीं कीचड़ पसरा है। हाल यह है कि पिछले दिनों की तेज-तर्रार बारिश के कारण हुए जलजमाव से अभी छुटकारा भी नहीं मिला था कि अगस्त माह में जारी छिटपुट बारिश ने रही-सही कसर पूरी कर दी। अगस्त माह में भी भले ही एक दिन छोड़ कर बारिश हो रही है, लेकिन यह थमने का नाम नहीं ले रही है।
स्थिति यह बन रही है कि बारिश थमने के साथ ही जलजमाव छंटना शुरू होता है लेकिन इसके बाद फिर से बारिश हो जाती है और संकट बड़ा हो जाता है। शहर की सफाई व्यवस्था बद से बदतर हो कर रह गयी है। शहर में कहीं पानी जम गया है तो कही पानी निकलने के बाद गंदगी और कीचड़ का अंबार लग गया है। शहर में बारिश के बाद शहर में गंदगी व जलजमाव से परेशान लोगों को पैदल चलने तक में भी परेशानी हो रही है। बारिश और गंदगी के कारण लोग बेहद जरूरी होने पर बाजार निकले तो सही, लेकिन इतनी कम संख्या में निकले कि बाजारों में सन्नाटा दिखा।
ढीली सफाई व्यवस्था के चलते शहर की तमाम सड़कों पर गंदगी और किचकिच दिख रही है, जबकि अनेक मोहल्लों का हाल बेहद बुरा है। मोहल्लों का हाल बुरा, लोग हलकान:- ठहर-ठहर कर ही सही लेकिन बारिश के जारी रहने के कारण शहर के वैसे मोहल्ले सबसे अधिक संकटपूर्ण स्थिति में पहुंच चुके हैं, जो निचले इलाके हैं। शहर के नए आबाद कॉलोनियों और मोहल्ले के निचले भाग की स्थिति सबसे कष्टकारी हो कर रह गयी है। ऐसी फजीहत वीआईपी कॉलोनी समेत नवीन नगर और राम नगर जैसे इलाकों के रहवासी को भी झेलनी पड़ रही है।
मालगोदाम और पोस्टमार्टम रोड के आसपास के इलाके खास कर नवादा रेलवे लाइन के समीप की नई आबादी को भारी संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। नवादा शहर के साथ ही पार नवादा में रेलवे ओवरब्रिज के समीप के सभी मोहल्लों का हाल बेहद बुरा हो कर रह गया है। पार नवादा में डोभरा पर,अम्बेडकर नगर, सुदामा नगर आदि आसपास के कई मोहल्लों से पानी उतरने का नाम ही नहीं ले रहा है और लोगों की परेशानी का अंत ही नहीं हो रहा है।
हाल यह है कि शहर के प्रमुख इलाकों में शुमार विजय बजार, कचहरी रोड, मेन रोड, स्टेशन रोड, गोला रोड, न्यू एरिया, गढ़पर, थाना रोड, वीआईपी कॉलनी, नवीन नगर, शिव नगर, पोस्टमार्टम रोड आदि सभी जगहों पर कीचड़ और जहां-तहां छिटपुट जलजमाव होने से राहगीरों को परेशानी हो रही है। वर्तमान में शहर के सामान्यत: उथले और थोड़े ठीकठाक ड्रेनेज से जुड़े इलाके में स्थित सदर अस्पताल, कलेक्ट्रेट परिसर, प्रजातंत्र चौक, पुरानी जेल रोड आदि जगहों में कुछ सुधार जरूर दिखने लगा है।
भईया जी की रिपोर्ट