बिहार समेत देशभर में आज धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इस अवसर पर पटना के इस्कॉन मंदिर में आज सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। वहीं देश की बात करें तो मथुरा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भगवान के जन्माभिषेक समारोह में लाखों भक्तों की भीड़ पहुंची है। यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मथुरा में जन्माष्टमी समारोह में शामिल होंगे। मथुरा की तरह का ही कुछ हाल वृंदावन और गुजरात में स्थित द्वाराकापुरी का है। कुल मिलाकर जन्माष्टमी के इस त्योहार को बिहार, महाराष्ट्र, यूपी समेत देश के तमाम राज्यों में धूमधाम से मनाया जा रहा है।
भगवान श्रीकृष्ण यानी कान्हा के जन्मदिन के मौके पर जहां देशभर में उत्सव का माहौल है। वहीं इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण के कुछ ऐसे भक्तों की भी चर्चा समीचीन है, जो भगवान की भक्ति में कुछ इस कदर डूबे कि उन्होंने अपना सबकुछ त्याग केवल प्रभु को ही अपना लिया। ऐसे भक्तों में जहां सूरदास, मीरा और चैतन्य महाप्रभु की कृष्ण भक्ति तो सभी जानते हैं, लेकिन इस आधुनिक काल में भी कुछ ऐसे कृष्ण भक्त हुए जो भगवान से लगाव में अपना सब कुछ छोड़कर सिर्फ उनकी भक्ति में ही लीन हो गए और भक्ति की सारी हदें पार कर दीं। चौंकाने वाली बात यह कि इन मॉडर्न भक्तों में अधिकतर IPS और कमांडो अफसर रहे हैं।
कान्हा के राधा बन गए IG डीके पांडा
मॉडर्न कृष्ण भक्तों में सबसे ऊपर जो नाम आता है वह IPS और यूपी पुलिस के तत्कालीन डीके पांडा का है। IPS डीके पांडा एक ऐसे पुलिस अधिकारी रहे जिनकी आज भी खूब चर्चा होती है। लोगों को आज भी याद है कि कैसे यूपी कैडर के इस IPS अधिकारी ने कैसे वर्दी पहनकर राधा की तरह श्रृंगार कर अपने कार्यायल पहुंच सबको चौंका दिया था। अचानक मीरा के वेश में आईजी साहब को देखकर जब लोगों ने उनपर सवाल उठाए तो उन्होंने आईजी पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बताया कि उनके सपने में खुद भगवान कृष्ण आए थे, जिन्होंने बताया कि तुम मेरी राधा हो। पांडा ने ये भी खुलासा किया कि उन्हें कई साल पहले इस बारे में पता चल गया था, जिसके बाद वो लड़कियों के कपड़े पहनकर और साज श्रृंगार कर हर बार छुपकर राधा बन जाते थे। आखिरकार उन्होंने इसे स्वीकार किया और अपना पद छोड़ दिया।
इन IPS अधिकारियों ने छोड़ी नौकरी
कृष्ण भक्ति में दूसरे नंबर पर हरियाणा कैडर की 1998 बैच की आईपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा का नाम आता है जिन्होंने हाल ही में 2021 में अचानक रिटायरमेंट ले लिया। उन्होंने बताया कि इसका कारण कृष्ण हैं और वो अब अपनी आगे की जिंदगी सिर्फ कृष्ण भक्ति में ही बिताने वाली हैं। अंबाला रेंज की आईजी पद पर तैनात इस महिला अधिकारी के इस फैसले ने सभी को हैरान कर दिया था। कुछ इसी तरह का मामला आईपीएस अधिकारी और बिहार के डीजीपी रह चुके गुप्तेश्वर पांडेय का भी है। वह भी अपने इस्तीफे को लेकर काफी चर्चा में रहे। उन्होंने राजनीति में अपनी पारी की शुरुआत के लिए नौकरी छोड़ी थी, लेकिन ये भी उन्हें रास नही आया। इसके बाद गुप्तेश्वर पांडेय कृष्ण की शरण में चले गए। गुप्तेश्वर पांडेय की ही तरह बिहार के एक और आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल की भी कहानी कुछ ऐसी ही है। फर्क सिर्फ इतना ही कि उन्होंने कृष्ण नहीं बल्कि हनुमान की भक्ति के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी।
रूसी कमांडो बना इस्कॉन का स्वामी
इन अनूठे मॉडर्न कृष्ण भक्तों की इस कड़ी में अगला नाम स्वामी पात्री दास का है जो पहले रूसी सेना में कमांडो हुआ करते थे और जिनका असली नाम ओब्लोनकोव था। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण की भक्ति ही ऐसी है कि उसमें हर कोई डूब सकता है। जो इस भक्ति सागर में गोते लगाता है, वो कान्हा की लीला में रम जाता है और फिर सब कुछ छोड़कर सिर्फ कृष्ण भक्ति में ही लीन रहता है। इसका एक बड़ा उदाहरण स्वामी पात्री दास खुद को बताते हुए कहते हैं कि मैं पहले रूसी सेना में कमांडो हुआ करता था और तब मेरा नाम ओब्लोनकोव था। एक दिन एक कृष्ण भक्त ने उन्हें गीता भेंट की तो वो इस्कॉन के संपर्क में आए और उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने दीक्षा ली और स्वामी पात्री दास बन गए पात्री दास आज नेपाल में इस्कॉन के एक बड़े संत और प्रचारक हैं।