बाढ़ : पावन सावन माह की अंतिम सोमवार को सुप्रसिध्द “उमानाथ मंदिर-घाट” सहित अन्य गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने उत्तरायण गंगा नदी में स्नान कर पास के मंदिरों में भगवान शंकर का जलाभिषेक करते हुये देर शाम तक पूजा-अर्चना किया। सोमवार को सुबह भगवान शंकर को जलाभिषेक सहित पूजा-अर्चना करने के लिये श्रध्दालुओं की भीड़ रविवार की शाम से उमड़ना शुरू हो गया।
सदियों से बिहार का काशी (बनारस) नाम से सुप्रसिध्द “उमानाथ मंदिर-घाट” के अलावे अलखनाथ, बनारसी घाट, गौरीशंकर, पोस्ट ऑफिस, शनिधाम सीढ़ी घाट सहित अन्य सभी घाटों पर काफी संख्या में उमड़ी श्रध्दालुओं की भीड़ ने “बोल-बम,हर-हर महादेव” की नारों से पूरा अनुमंडल भक्तिमय वातावरण हो गया। श्रद्धालुओं ने सोमवार का व्रत भी रखा तथा अनुमंडल के सभी शिव मंदिरों को आकर्षक रौशनी आदि से सजाया गया।
मौके पर उमड़ी भीड़ को नियंत्रण करने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी चंदन कुमार ने खुद कार्यपालक दंडाधिकारी, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार रजक, अंचल अधिकारी, थानाध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह के साथ उमानाथ,अलखनाथ सहित सभी गंगा घाटों एवं उसके आसपास परिसर का पूर्व में सघन निरीक्षण किया। और साथ ही गंगा घाटों पर नाव, नाविक, गोताखोर, आपदा मित्र तथा एसडीआरएफ के बारे में भी जानकारी ली।
श्रद्धालुओं के सुरक्षा के दृष्टिकोण से उमानाथ, अलखनाथ सहित सभी गंगा घाटों पर बैरिकेटिंग किये जाने के साथ ही जगह-जगह पुलिस पदाधिकारी सहित सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। इसके साथ ही गंगा घाटों पर नाव, नाविक, गोताखोर, आपदा मित्र तथा एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति मोटर वोट के साथ किया गया था। उमानाथ मंदिर परिसर तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में कड़ी विधि-व्यवस्था संधारण हेतु कुल 16 सीसीटीवी कैमरा लगाई गई थी।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट