बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन के अंदर और बाहर विपक्ष का भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्ष के नेता हाथ में तख्ती लिए सदन के बाहर गिरती कानून व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। वहीं बढ़ते क्राइम और मतदाता पुनरीक्षण पर सदन के अंदर भारी हंगामा हुआ। बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने इन मुद्दों पर सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के संबोधन के दौरान विपक्ष के कई नेता नारेबाजी करते नजर आए। विपक्ष के नेता लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगा रहे थे। इस दौरान AIMIM के विधायक अख्तर ऊल ईमान बेल में पहुंच गए थे। मतदाता पुनरीक्षण के माध्यम से लोगों का नाम मतदाता सूची से काटने का आऱोप लगा वो प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने बैनर दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया।
विधानसभा में विपक्ष का प्रदर्शन
दूसरी तरफ माले के विधायक आज काले कपड़े पहनकर सदन में पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि SIR के बहाने सरकार एनआरसी लागू करना चाहती है। वहीं राजद विधायक और कांग्रेस के विधायकों ने कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराध के मुद्दे पर सरकार को घेरा। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों से शांति बनाए रखने की अपील की लेकिन विधायक नहीं मानें। इसीबीच राज्य सरकार की ओर से 57946 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा गया। इसके बाद शोक प्रस्ताव हुआ। इस दौरान भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। जब हंगामा और शोरगुल नहीं थमा तो विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
मालूम हो कि आज से शुरू हुआ बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र वर्तमान सरकार का अंतिम सत्र है। पांच दिनों तक चलने वाले इस सत्र में नीतीश सरकार 12 विधेयक लाएगी। इनमें चार मूल और आठ संशोधन विधेयक शामिल हैं। दोनों सदनों में सरकार इसे पास करवा कर कानून के रूप में लागू करेगी। आज विधानसभा की कार्यवाही में पहले अध्यक्ष ने अपना प्रारंभिक संबोधन दिया फिर इसके बाद अध्यासी सदस्यों का मनोनयन की प्रक्रिया हुुई। उधर विधान परिषद के मानसून सत्र की कार्यवाही भी आज सोमवार को शुरू हुई। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदस्यों का स्वागत करते हुए उनसे जनहित से जुड़े सवालों को 5 दिवसीय सत्र के दौरान उठाने की उम्मीद जताई।