जमीन के दाखिल—खारिज में गोलमाल करने वाले दो जिलों के डीसीएलआर पर बिहार की नीतीश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर के डीसीएलआर पूर्वी संजय कुमार और बेतिया सदर के डीसीएलआर सादिक अख्तर को काम में लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने यह कार्रवाई राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सिफारिश के बाद की है। निलंबित किये गए इन दोनों डीसीएलआर पर विभागीय कार्यों में ढिलाई बरतने, निर्देशों का पालन न करने, दाखिल-खारिज के मामलों को लटकाए रखने और ऑफिसियल लॉगिन की जगह निजी लॉगिन से काम करने के आरोप हैं।
निलंबन से पहले इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र और अनुशंसा के बाद इस मामले की समीक्षा अनुशासनिक प्राधिकार के स्तर पर की गयी। उसके बाद दोनों द्वारा बरती गई शिथिलता को बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली के प्रावधानों के भी प्रतिकूल माना गया और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। मालूम हो कि इससे पहले मुजफ्फरपुर पश्चिमी के डीसीएलआर धीरेंद्र कुमार को भी काम में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया था। अब पूर्वी डीसीएलआर संजय कुमार और बेतिया सदर के डीसीएलआर सादिक अख्तर पर भी गाज गिरी है। बिहार में जब से भूमि सर्वे का काम शुरू किया गया है, दाखिल—खारिज और जमीन से जुड़े मामलों की कई शिकायतें सामने आईं हैं।
अधिकतर मामलों में देखा गया कि दाखिल खारिज के जो मामले हैं, उन्हें बिना वजह लटका कर रखा जा रहा था। सबसे गंभीर आरोप यह है कि ऐसे अधिकारी और कर्मी सरकारी लॉगिन का इस्तेमाल करने की बजाय अपने पर्सनल लॉगिन से काम कर रहे थे, ताकि भ्रष्टाचार किया जा सके। इन दो निलंबित डीसीएलआर के मामले में भी इनकी लापरवाही को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सरकार से कार्रवाई की सिफारिश की थी। विभाग ने कहा था कि इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। इसके बाद मामले की जांच की गई। जांच में पाया गया कि इन अधिकारियों ने बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली का उल्लंघन किया है।