अरवल -नारी शक्ति ही वह ऊर्जा है जो समाज में परिवर्तन ला सकती है । नारी के ही विचारों, कार्यों, और संघर्ष से ही समाज में सुधार आता है। इसलिए, हमें नारी शक्ति का सम्मान करना और उसे समर्थ बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इसी कड़ी में जिला पदाधिकारी अरवल, के मार्गदर्शन में जिले में चल रहे “महिला संवाद” कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं की अभूतपूर्व भागीदारी देखने को मिल रही है। अब तक 165 ग्राम संगठनों में महिला संवाद का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है, जिसमें से 51408 से अधिक महिलाओं ने भाग लेकर अपनी आकांक्षाओं और सुझावों को सरकार तक पहुँचाया है।
कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के विकास में महिलाओं की सोच, अनुभव और ज़रूरतों को समझना है। महिलाएँ इस मंच पर खुलकर अपने विचार साझा कर रही हैं—चाहे वो शिक्षा की बेहतर व्यवस्था हो, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, खेल के मैदानों की माँग, स्नातक स्तरीय कॉलेज की स्थापना हो , नली नालों का निर्माण, आसानी से ऋण की उपलब्धता, या फिर स्थानीय रोजगार सृजन की आवश्यकता।
महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी ऑडियो-विज़ुअल प्रस्तुतियों के माध्यम से दी जा रही है, वहीं उनकी राय और सुझावों की ऑनलाइन प्रविष्टि भी की जा रही है, ताकि उन्हें निराकरण किया जाए और आगामी नीतियों में उचित स्थान मिल सके। इसी कड़ी में आज करपी प्रखंड के नरगा गांव में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें गांव की महिलाओं ने बेबाकी अंदाज में अपनी मांगों को रखा है।
आकांक्षाओं के रूप में उन्होंने अपने गांव में ही लड़कियों की शिक्षा के लिए बालिका उच्च विद्यालय, गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने, सिंचाई के लिए ट्यूबेल, की मांग की गई है। अभी तक की योजनाओं से लाभान्वित महिलाओं ने अपने जीवन के बदलाव की कहानी अपनी जुबां बयां कर रही है। इस कार्यक्रम में प्रखंड परियोजना प्रबंधक श्री नारायण चौधरी, सामुदायिक समन्वयक मनी कुमार सहित अन्य कर्मी भी उपस्थित रहें हैं। “महिला संवाद” केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सरकार की दूरदर्शी सोच का प्रतीक है, जहाँ आम महिलाओं की बात को नीति-निर्माण की प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जा रही है।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट