अरवल – जिले में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम अब महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावशाली अभियान बनकर सामने आया है, जो जिलेभर में महिलाओं की जागरूकता और भागीदारी का प्रतीक बनता जा रहा है। जिले के पांच प्रखंडों में दो पालियों में चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में अब तक लगभग 33904 ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी दर्ज की गई है, जिन्होंने अपने अधिकारों, जरूरतों और विकास के सवालों पर खुलकर आवाज उठाई है। कार्यक्रम का उद्देश्य केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी देना नहीं है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को संवाद, भागीदारी और निर्णय प्रक्रिया में शामिल करना है। एल ई डी स्क्रीन और जागरूकता रथ के माध्यम से उन्हें मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, सतत जीविकोपार्जन योजना, बालिका प्रोत्साहन योजना, जीविका कार्यक्रम जैसी 31 प्रमुख योजनाओं की जानकारी दी गई।
इस क्रम में कलेर प्रखंड के बेलाव पंचायत के अरदली विगहा गाँव में आयोजित कार्यक्रम में महिलायों द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, और आधारभूत संरचनाओं से जुड़ी जमीनी समस्याओं को मजबूती से रखा। इस कार्यक्रम में जिला परियोजना प्रबंधक रागिनी कुमारी ने संवाद में आए महिलाओं से अपने गांव की समस्याओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करने की अपील की। इस दौरान वहां की स्थानीय महिलाओं ने डेयरी पर प्रशिक्षण की व्यवस्था, आधुनिक खेती, जीविका भवन, ग्रामीण क्षेत्रों में बस बहाल, पंचायत स्तर पर जन औषधी केंद्र की स्थापना, आकांक्षाओं के रूप व्यक्त किया है।
इस कार्यक्रम में प्रखंड बाल विकास पदाधिकारी, प्रखंड परियोजना प्रबंधक संजय कुमार, संचार प्रबंधक अशोक कुमार, प्रशिक्षण प्रबंधक ईमरान हुसैन, क्षेत्रीय समन्वयक प्रिय रंजन, सामुदायिक समन्वयक नीतीश कुमार के साथ अन्य कर्मी भी मौजूद रहें है। महिला संवाद कार्यक्रम की एक खासियत यह भी है कि महिलाओं से मिले सुझावों और मांगों को दस्तावेजीकृत कर प्राथमिकता के आधार पर जिला और राज्य प्रशासन को भेजा जा रहा है, ताकि उन्हें भविष्य की योजनाओं और नीतियों में स्थान मिल सके।
यह संवाद कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को एक ऐसी आवाज़ दे रहा है, जो वर्षों से अनसुनी रही थी। यह मंच न केवल वर्तमान में उन्हें जानकारी और अवसर दे रहा है, बल्कि भविष्य में उनकी भूमिका को नीति-निर्माण की प्रक्रिया तक ले जाने का रास्ता भी खोल रहा है। अरवल जिले में महिला संवाद कार्यक्रम अब एक आंदोलन की शक्ल ले चुका है, जो आने वाले वर्षों में समाज के हर तबके को जोड़कर एक समावेशी और समान विकास की दिशा में ठोस कदम साबित होगा।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट