पटना : बिहार की राजधानी पटना में आगामी 5 अप्रैल को मगही भाषा, साहित्य-संस्कृति-सिनेमा, लोक कला, लोक गायन, इतिहास-पुरातत्व का एक दिवसीय उत्सव आयोजित होने जा रहा है। यह महोत्सव पटना के गर्दनीबाग स्थित बापू टावर में आयोजित किया जाएगा, जो सुबह 9 बजे से शुरू होकर शाम 7 बजे तक चलेगा। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य मगही लोक भाषा, साहित्य, संस्कृति और संगीत में विमर्श को बढ़ावा देना है। आयोजन में विभिन्न सांस्कृतिक और बौद्धिक कार्यक्रमों के जरिए मगही की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।
कार्यक्रमों का विवरण
मगही महोत्सव में कई रोचक और ज्ञानवर्धक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इसमें विमर्श और परिचर्चा के सत्र होंगे, जहां मगही भाषा और साहित्य पर गहन चर्चा होगी। इसके अलावा युवा संवाद का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें नई पीढ़ी को मगही संस्कृति से जोड़ने पर जोर दिया जाएगा। लोक गायन और मगही कवि सम्मेलन के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। साथ ही, अभिभाषण और लोक नृत्य जैसे कार्यक्रम इस महोत्सव को और भी रंगीन बनाएंगे। मगध क्षेत्र की मूर्तिकला, चित्रकला, पटना कलम, टिकुली पेंटिंग और बावनबूटी का लाइव डेमो भी होगा।
मगही हस्ताक्षरों की रहेगी मौजूदगी
इस आयोजन में मगही भाषा और साहित्य के क्षेत्र में देश और प्रदेश में कार्यरत प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। सभी गणमान्य लोग अपने अनुभव और विचार साझा करेंगे, जिससे मगही संस्कृति के प्रति लोगों का जुड़ाव और गहरा होगा। इस महोत्सव के जरिए मगही भाषा को न केवल संरक्षित करने बल्कि इसे व्यापक स्तर पर प्रचारित करने का प्रयास किया जा रहा है। यह आयोजन मगही भाषा के माध्यम से मातृभाषा और संस्कृति के प्रति रुचि रखने वालों के लिए एक सुनहरा अवसर होगा। मगही भाषी लोगों से अपील की गई है कि वे इस महोत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपनी सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाएं।
प्रभात रंजन शाही की रिपोर्ट