नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल थाना क्षेत्र के खैरा गांव में दो समुदाय के बीच गाली- गलौज व मारपीट की घटना में दोनों गुट के कई लोग घायल हो गए। ग्रामीण संजय सिंह ने बताया कि खैरा गांव की घटना बड़ा विचित्र व बेहद संगीन है। घटना प्रायोजित है।
विडम्बना है कि लगभग साढ़े 9 बजे रात्रि को जब प्रथम पक्ष के लोग ऋषभ कुमार, मणिशंकर, राम विलास सिंह,विपुल कुमार एवं पंकज कुमार कौआकोल थाना एफआईआर करने पहुंचे, लेकिन थानाध्यक्ष आनाकानी, टाल मटोल कर एफआईआर दर्ज नहीं किया। दूसरी ओर थानाध्यक्ष ने दूसरे पक्ष की महिला को बुलवाकर पहले पक्ष के तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा लोगों पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया।
प्रथम पक्ष के ऋषभ कुमार,विपुल कुमार और राम विलास सिंह को गिरफ्तार कर मण्डल कारा भेज दिया। जबकि खानापूर्ति के दृषिटकोण से दूसरे पक्ष के सुधीर कुमार पिता सुधीर यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। थानाध्यक्ष के पक्षपात पूर्व रवैया का प्रत्यक्ष गवाह व सबूत थाने में मौजूद सीसीटीवी है,जिसे खंगाल कर देखा जा सकता है।
आरोप है कि थानाध्यक्ष घोर पक्षपाती हैं। सीसीटीवी का सबूत तो दूध का दूध और पानी का पानी कर देगा। संजय सिंह ने बताया कि हमें यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि थानाध्यक्ष के पक्षपातपूर्ण घृणित रवैये से किसी भी समय निकट भविष्य में यहां जातीय उन्माद भड़क सकता है। इससे होने वाले नुकसान की भरपाई वर्तमान तो क्या भावी पीढ़ी भी नहीं कर पायेगी।
उन्होंने बताया कि ये पूर्व में घोषी थाना में कार्यरत थे तब एक भूमिहार बाहुल्य हुलासगंज गांव में अवैध नजराना वसूली के विरोध में लोगों ने जबर्दस्त पिटाई कर दी थी, तबसे भूमिहार विरोधी के रूप में मशहूर हैं। संजय सिंह ने पुलिस अधीक्षक से मांग किया है कि समय रहते ऐसे थानाध्यक्ष पर सख्त क़ानूनी करवाई की जाय ताकि भावी घटनाओं पर सटीक रूप से काबू पाया जा सके।
भईया जी की रिपोर्ट