नवादा : सूचना का अधिकार ही ऐसा जनता का अधिकार है जिससे हर महकमा परेशान है। हो भी क्यों नहीं जब भ्रष्टाचार चरम पर हो। बावजूद हाल यह है कि सरकारी अधिकारी जुर्माना देना कबूल कर रहे हैं लेकिन दस्तावेज नहीं। जी हां! यहां हम बात कर रहे हैं सूचना के अधिकार अधिनियम का। जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने कौआकोल प्रखंड क्षेत्र के दरांवा पंचायत सचिव से कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत उपलब्ध करायी राशि से संबंधित दस्तावेज की मांग की थी।
सूचना उपलब्ध नहीं कराये जाने पर मामला राज्य सूचना आयोग पहुंचा था। राज्य सूचना आयोग ने पंचायत सचिव पर समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराने के दोषी पंसचिव पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। जिम्मेदारी बीडीओ को सौंपी गयी थी लेकिन राशि जमा नहीं करायी जा रही थी।
मामले को गंभीरता से लेते हुए समाहर्ता से अनुपालन कराने का अनुरोध किया गया था। समाहर्ता की सख्ती से बीडीओ ने कोषागार के माध्यम से राशि जमा कराने की सूचना तो भेज दी लेकिन दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया। अब सबसे बड़ा सवाल दस्तावेज उपलब्ध कराने से पंसचिव बच सकेंगे क्या? नहीं, दस्तावेज तो उपलब्ध कराना ही पड़ेगा क्योंकि आरटीआई कार्यकर्ता छोड़ने वाले नहीं हैं। इसकी तैयारियां आरंभ कर दी गयी है। बता दें इसके पूर्व रजौली एसडीएम को भी जुर्माना राशि जमा कराना पड़ा था।
भईया जी की रिपोर्ट