तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से MLC के निर्दलीय उम्मीदवार राजेश कुमार रौशन की आज रविवार सुबह अचानक मौत हो जाने की खबर है। इस घटना से उनके परिवार, शुभचिंतकों और राजनीतिक जगत में कोहराम मच गया। उन्होंने भाजपा से बागी होकर तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से MLC चुनाव का नामांकन दाखिल किया था। मृतक निर्दलीय कैंडिडेट का नाम राजेश रौशन बताया जा रहा है और वे मौत से ठीक पहले अपने घर के बाहर टहल रहे थे। इसी दौरान अचानक वे वहीं जमीन पर गिर पड़े। परिजन उन्हें आनन—फानन में अस्पताल ले गए जहां रास्ते में ही राजेश रौशन की मौत हो गई।
भाजपा से बागी होकर लड़ रहे थे चुनाव
बताया गया कि घर के बाहर टहलते समय ही राजेश रोशन को सीने में तेज दर्द हुआ। उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिससे वे वहीं गिर गए। अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई। घटना ने परिवार, शुभचिंतकों और राजनीतिक जगत को गहरा आघात पहुंचाया है। 15 नवंबर को राजेश कुमार रौशन ने तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था। वह बीजेपी के बागी नेता और सच्चिदानंद विचार मंच के संयोजक के रूप में जाने जाते थे। नामांकन के दौरान उन्होंने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा था कि क्षेत्र के लिए योग्य उम्मीदवार न लाकर मिथिला से प्रत्याशी उतारा गया, जो यहां के लिए अनुचित है।
जुझारू कार्यकर्ता की रखते थे पहचान
भाजपा के जुझारू कार्यकर्ता और वर्तमान में तिरहुत प्रमंडल स्नातक विधान परिषद उप चुनाव के प्रत्याशी राजेश कुमार रौशन के इस तरह निधन की खबर सुनकर कुढ़नी के सुस्ता माधोपुर स्थित आवास पर उनके समर्थकों और शुभचिंतकों की भारी भीड़ पहुंची हुई है। समूचे तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर फैल गई है। स्थानीय लोगों और समर्थकों ने उनकी मौत को अपूरणीय क्षति बताया। उनके निधन पर क्षेत्र के अन्य उम्मीदवारों और स्थानीय नेताओं ने शोक व्यक्त किया। सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर पहले तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से ही एमएलसी थे। उनके सांसद बनने से ही यह सीट खाली हुई है।