नवादा : आखिरकार अधिकारियों से अपने आपको उपर समझने वाले थानाध्यक्ष को एसपी ने लाइन हाजिर कर ही दिया। इस प्रकार उनकी मनमानी का बुरा अंत भी होगा उन्होंने सोचा तक नहीं था। कहते हैं शंकर का तिहरा नेत्र हमेशा नहीं खुलता। जब खुलता तब किसी न किसी का संहार सुनिश्चित होता है सो अपने कार्यकाल में एसपी ने पहली कार्रवाई कर शेष थानेदारों को एक संदेश दिया है। वैसे देहात में एक कहावत है ” अति अत्यंत बगुलवा किन्हा, क्षण में प्राण ककोड़वा लिन्हा” हां! यहां हम बात कर रहे हैं जिले के पकरीबरावां थानाध्यक्ष अजय कुमार का।
उनके संबंध में एक कहावत प्रचलित रहा
ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे उन्होंने छोड़ा नहीं। नेता, पत्रकार, जनप्रतिनिधि किसी को उन्होंने छोड़ा नहीं। जो चाहा, जैसा चाहा वैसा किया। अधिकारियों ने भी ऐसा करने की छूट दिया तो मनमानी बढ़ती गयी। लेकिन ऐसा बुरा हश्र होगा कभी उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा। चलिए ज्यादा कुछ कहना लिखना अच्छा नहीं। एसपी की तंद्रा भंग हुई और उन्होंने लाइन हाजिर कर पकरीबरावां थानाध्यक्ष का कमान डीआईयू में कार्यरत पुलिस निरीक्षक रंजीत कुमार के हवाले कर दिया। इससे संबंधित आदेश दिनांक 11 नवम्बर को जारी किया गया है।
भईया जी की रिपोर्ट