पटना: काॅलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एवं साइंस, पटना के मनोविज्ञान विभाग द्वारा महाविद्यालय के काउंसिलिंग सेल तथा परामर्शण एवं पुनर्वास कोर्स के सहयोग से बृहस्पतिवार को कृत्रिम बुद्धि, सोशल मीडिया एवं मानसिक स्वास्थ्य विषय पर एक संवाद सत्र का आयोजन किया गया।
आमंत्रित वक्ता के रूप में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की मनोविज्ञानी डॉ. श्वेता पाठक ने कहा कि वैसे तो कृत्रिम बुद्धि विकसित की गयी थी मशीनों को स्मार्ट बनाने के लिए लेकिन सोशल मीडिया में वह एक दोधारी तलवार की तरह इस्तेमाल हो रही है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन तथा स्नैपचैट आदि सभी प्लेटफॉर्म इसी पर आधारित हैं। विद्यार्थियों को इनके नकारात्मक प्रभावों से बचते हुए इनका रचनात्मक इस्तेमाल करना चाहिए। सोशल मीडिया किशोरों में आत्म-सम्मान का भाव तथा जीवन से संतुष्टि के भाव को बहुत हद तक प्रभावित करता है। सोशल मीडिया का संयमित इस्तेमाल किशोरों एवं नौजवानों के बौद्धिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में कारगर हो सकता है।
संवाद सत्र में प्रो. शुभा प्रसाद, प्रो. दिनेश कुमार तथा माही सागर, विकास, आदित्य, आमिर इमाम, कीर्ति एवं श्रुति कुमारी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। सत्र की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. जय मंगल देव ने की, वहीं प्रो. संयुक्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन प्रो.प्रणय गुप्ता ने किया।