2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आज शनिवार को जदयू ने अपने राज्य कार्यकारिणी की अहम बैठक बुलाई। इसमें जहां एनडीए में समन्वय और नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पास किया गया, वहीं जदयू की अंदरूनी खींचतान पर भी खुलकर बात हुई। जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक पार्टी के सभी विधायक हिस्सा लेने पहुंचे थे। बैठक के बाद जदयू के परबत्ता से विधायक डॉक्टर संजीव कुमार ने ऐसी बात कही जिससे पता चलता है कि अशोक चौधरी के ‘भूमिहार’ वाले बयान पर अभी भी तल्खी बनी हुई है।
कार्यकारिणी मीटिंग में विधायक ने जताई नाराजगी
खगड़िया जिले में परबत्ता विस क्षेत्र के जदयू विधायक संजीव कुमार ने कहा कि आज की बैठक में सिर्फ एक ही एजेंडे पर चर्चा हुई है कि साल 2025 में फिर से नीतीश कुमार की सरकार लानी है। इसमें हमारे नेता नीतीश कुमार ने जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत करने का मंत्र दिया है। हालांकि विधायक संजीव कुमार ने मंत्री और पार्टी में सीएम नीतीश के करीबी अशोक चौधरी द्वारा पिछले कुछ अरसे से दिये जा रहे बयानों को लेकर कहा कि इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है। उन्होंने अशोक चौधरी के द्वारा भूमिहारों पर दिए बयान पर भी जेडीयू नेताओं में आपसी मतभेद की बात मानी।
कार्यकारिणी बैठक में भी खुलकर उभरे मतभेद
विधायक संजीव कुमार ने कहा कि उनके बयान से बिहार की जनता में नाराजगी है। अगर कोई भूमिहार समाज को लेकर टिप्पणी करें और कार्रवाई न हो तो यह दुखद है। बिहार का भूमिहार समाज अशोक चौधरी के बयानों से दुखी हैं और यह कोई तय नहीं कर सकता है कि भूमिहार समाज के लोग किस सड़क पर चलेंगे और किस पर नहीं। भूमिहार समाज पूरी मुस्तैदी के साथ एनडीए के साथ रहा है। इस बात के लिए इस समाज का अहसान मानना चाहिए।
भूमिहारों पर अशोक चौधरी ने ये कहा था…
मंत्री अशोक चौधरी ने पिछले माह जहानाबाद में पार्टी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए जहानाबाद लोकसभा सीट पर जदयू कैंडिडेट की हार के लिए भूमिहार समाज को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि मैं इस समाज के लोगों को अच्छी तरह से जानता हूं। जब लोकसभा चुनाव हुए तो यह लोग नीतीश कुमार का साथ छोड़ कर भाग निकले। अशोक चौधरी के इसी बयान के बाद जदयू में सियासी भूचाल आ गया। पार्टी ने जहां उनके बयान से खुद को अलग कर लिया, वहीं कई प्रमुख जदयू नेताओं ने इसके लिए उनकी कड़ी निंदा की।