दरभंगा में कोसी का तटबंध टूटा, दो प्रखंड के सैकडों गांव डूबे
बिहार में जलप्रलय के हालात हो गए हैं। नेपाल से आने वाली प्रमुख नदियों कोसी, गंडक, बागमती और कमला के कई तटबंध विभिन्न जिलों में टूट गए हैं जिससे सैकड़ों गांव पानी में डूब गए। लोग हाईवे और उंची जगहों पर शरण लिये हुए हैं। छोटे और बड़े मिलाकर अब तक बिहार में कुल 8 तटबंध टूट चुके हैं। केंद्र सरकार ने भी बाढ़ के भीषण हालात को देखते हुए राज्य में एनडीआरएफ की 11 टीमें तैनात की हैं। इधर बिहार सरकार भी एड़ी—चोटी एक किये हुए है। जानकारी के अनुसार दरभंगा के किरतपुर प्रखंड में कोसी नदी का तटबंध टूटने से तबाही मच गई है। किरतपुर और घनश्यामपुर प्रखंड के डेढ़ दर्जन गांव पानी में डूब गए हैं। इसी तरह पश्चिमी और पूर्वी चंपारण में गंडक पर बना तटबंध तथा सीतामढ़ी और शिवहर में बागमती नदी के बाएं तथा दाएं तटबंधों में रिसाव के बाद सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है।
पश्चिमी चंपारण में गंडक ने मचा दी तबाही
नेपाल में भारी बारिश के बाद बराज से अत्यधिक पानी छोड़े जाने से बिहार में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक हो गई है। भारत-नेपाल सीमा से लगते जिलों में हालात बेकाबू हैं। सीतामढ़ी जिले के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में रविवार को जहां दरार की खबर आई, वहीं पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी पर पानी के अत्यधिक दबाव के कारण बगहा-1 प्रखंड में नदी के बाएं किनारे पर स्थित तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया। इससे बाढ़ का पानी पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में भी प्रवेश कर गया। वहां के वन्यजीवों को भी अब खतरा उत्पन्न हो गया है। पश्चिमी चंपारण के 10 प्रखंडों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। बाढ़ का पानी पूर्वी चंपारण के सुगौली थाना परिसर में भी घुस गया है। सुगौली में लोग सहमे हुए हैं और सड़क किनारे तंबू लगाकर शरण ले रहे हैं।
सीतामढ़ी, शिवहर में बागमती बांध टूटने से जलप्रलय
उधर बागमती नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि और पानी के बढ़ते दबाव से सीतामढ़ी जिले के बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर प्रखंडों तथा शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया और शिवहर प्रखंडों में बागमती नदी के बाएं और दाएं तटबंध पर कई जगह रिसाव के बाद बांध के टूट जाने की सूचना है। यहां पानी दर्जनों गांवों में घुसने लगा है। जल संसाधन विभाग के इंजीनियर और कर्मियों ने रिसाव को दुरूस्त करने की कोशिश की लेकिन वे इसमें नाकाम रहे। शिवहर के तरियानी छपरा में भी बाढ़ के पानी ने तांडव मचा दिया है। कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।
एनडीआरएफ की 11 टीमें तैनात, केंद्र सरकार एक्टिव
जलसंसाधन विभाग के अनुसार गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी और बागमती के अलावा कमला बलान, ललबकिया, अधवारा, महानंदा, लखनदेई और कनकई नदियों में भी जलस्तर खतरे के निशान से और उपर की ओर लगातार बढ़ रहा है। कोसी सुपौल से खगड़िया तक, गंडक पश्चिम चंपारण से वैशाली तक और महानंदा किशनगंज से कटिहार तक लबालब उफान पर है। बाढ़ एवं आपदा की स्थिति को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार भी एक्टिव हो गई है। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। एनडीआरएफ की 11 टीमें तैनात की गईं हैं जबकि 8 टीमों को रिजर्व में रखा गया है जो जरूरत पड़ने पर तुरंत बिहार पहुंच जाएंगी।