नवादा : अम्बरीष राहुल के स्थानांतरण व अभिनव धीमान के पदस्थापना के बाद जिले के लोगों में न्याय की आश जगी थी। पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने न्याय के साथ अपराध व अपराधियों पर अंकुश लगाने का भरोसा दिलाया था। लेकिन चंद दिनों के कार्यकाल में उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे लोगों का भरोसा उनपर कायम रह सके।
इस क्रम में रोह व नारदीगंज में 112 पुलिस टीम पर हमला हुआ। रोह के मामले में तो उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन नारदीगंज के मामले में उन्होंने जो बयान दिया उससे आम लोगों का भरोसा टूट गया। इसके साथ ही ऐसा लगा कि वे भी अम्बरीष राहुल के नक्शे-कदम पर चलने की ठान ली है। बगैर घटनास्थल पर गये यह कहना कि हमलावर शराब के नशे में धुत्त थे, किसी मायने में न्याय संगत नहीं था। दर्ज प्राथमिकी में इसका कहीं उल्लेख तक नहीं है। फिर बगैर किसी जांच के यह कहना कि आरोपी शराब के नशे में धुत्त था किसी वरीय पुलिस पदाधिकारी के लिए शोभा नहीं देता।
डायल 112 टीम के सदस्य कहीं किसी वाहन जांच के नाम पर अवैध राशि वसूली करने लगते हैं तो कहीं राह चलते राहगीरों की पिटाई कर देते हैं। जाहिर है ऐसे में लोगों का ग़ुस्सा फूट पड़ता है। उक्त आरोप में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज है तथा निलम्बित भी किया जा चुका है। अब सबसे बड़ा सवाल फाजिलपुर में किसी ने डायल 112 को बुलाया था क्या? आखिर मात्र एक महिला पुलिसकर्मी को लेकर वे जा कहां रहे थे? जहां जा रहे थे पहले वहां पहुंचना चाहिए था न कि फाजिलपुर में लुडो खेल रहे युवकों से उलझना चाहिए था।
वैसे पुलिस पर हमला हो इसकी इजाजत कोई नहीं देता। आखिर पुलिस हमारी सुरक्षा करती है फिर वह भी मेरा परिवार है। लेकिन अम्बरीष राहुल के कार्यकाल में थानाध्यक्ष से लेकर पुलिसकर्मियों की जो मनमानी बढ़ी वह आजतक कायम है जिसका परिणाम है बालू, दारू माफियाओं के हमले के शिकार पुलिसकर्मी हो रहे हैं। आवश्यकता ऐसे मामलों की समीक्षा कर इसमें सुधार लाने की है न कि गलत बयानी कर गलती करने वालों के साथ ढाल बनकर खड़े रहने की।
भईया जी की रिपोर्ट