पटना AIIMS के कार्यकारी निदेशक के बेटे के OBC सर्टिफिकेट की जांच के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कार्यकारी निदेशक डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल के बेटे डॉक्टर ऑरोप्रकाश पाल ने AIIMS गोरखपुर में MD की सीट OBC कोटे से हासिल की थी। लेकिन अब उनके OBC नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट पर सवाल उठ रहे हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने जांच बैठाई है।
ऑरोप्रकाश के मामले में मंत्रालय ने क्या कहा
मालूम हो कि डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल पटना के साथ ही गोरखपुर AIIMS के भी कार्यकारी निदेशक के प्रभार में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल के बेटे डॉ. ऑरोप्रकाश पाल को जारी किए गए नॉन-क्रीमी लेयर OBC प्रमाण पत्र में अनियमितता की शिकायतें मिली हैं। इनकी जांच के लिए एक समिति गठित की जाती है। इसी प्रमाण पत्र के आधार पर डॉ. ऑरोप्रकाश पाल ने AIIMS गोरखपुर में MD माइक्रोबायोलॉजी में दाखिला लिया था। यह समिति यह भी जांच करेगी कि क्या यह दाखिला मौजूदा नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन है या नहीं।
जांच समिति में ये किये गए हैं शामिल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति में डॉ. मनीषी कुमार संयुक्त सचिव, प्रियदर्शिका श्रीवास्तव निदेशक और सचिन कुमार निदेशक सतर्कता और संपर्क अधिकारी शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि समिति आदेश जारी होने की तारीख से एक हफ्ते के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, अखिल भारतीय केंद्रीय और राज्य सेवाओं (प्रत्यक्ष भर्ती) के समूह ए / वर्ग I अधिकारियों के बेटे और बेटियां क्रीमी लेयर में आते हैं। केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के नियमों के अनुसार, वे बिहार और उत्तर प्रदेश में 27 प्रतिशत OBC के लिए आरक्षण के लाभ के पात्र नहीं हैं।