पटना : प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय सह संयोजक रघुनंदन जी ने कहा कि भारत में चल रहे बहु राष्ट्रवादी, नवराष्ट्रवादी, उप महाद्वीपवादी संवैधानिक राष्ट्रवादी जैसे अभारतीय विचार भारत एवम संपूर्ण विश्व के लिए विनाशकारी है। प्रज्ञा प्रवाह भारतीय विचार को बौद्धिक क्षमता के साथ ही स्वयं के आचरण से जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।
दरअसल आज यानी कि 21 जुलाई रविवार को पटना विश्वविद्यालय के दरभंगा हाउस के संस्कृत विभाग में प्रज्ञा प्रवाह के दक्षिण बिहार प्रांत शाखा चिति के प्रांतीय बैठक का उद्घाटन चिति के प्रांत अध्यक्ष सह पटना विवि में स्नातकोत्तर संस्कृत के विभागाध्यक्ष प्रो० लक्ष्मी नारायण, एवम प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीए सह संयोजक रघुनंदन जी द्वारा पुष्प अर्पण एवम दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान प्रांत संयोजक कृष्णकांत ओझा ने चर्चा की।
हिंदुत्व के पतन का कारण कोई और नहीं
सभा संबोधित करते हुए अखिल भारतीए चिति प्रज्ञा प्रवाह के सह-संयोजक रघुनंदन जी ने कहा कि आज हमारे समाज और देश को प्रबुद्ध नेतृत्व, आचरण करने और कराने वाले आचार्य की आवश्यकता है। सिर्फ जानकारी ही बुद्धिमानी नहीं है, हमलोगो को यत्र-तत्र और सर्वत्र दर्शन कर के बुद्धि और ज्ञान अर्जित करना चाहिए, इससे ही हमारे देश और समाज का विकास हो पायेगा। आज हमारे राष्ट्र का पतन हो रहा है। इसका मुख्य कारण कोई और नहीं, बल्की हिंदू धर्म के मानने वाले लोग हैं।
जगाने वाल की जमावंत चाहिए…
वहीं, सरसंघचालक मोहन भागवत जी को कोट करते हुए कहा कि सरसंघ चालक जी ने सही बताया कि हमारे देश में पक्ष विपक्ष नहीं है, यहां मंथन की आवश्यकता है। और वहीं, काम प्रज्ञा प्रवाह करती है। हमारा राष्ट्र हिंदू है और इसका पतन और उत्थान का का कारण कोई और नहीं बल्कि खुद हिंदू ही है। आज हिंदू अपनी ताकत को भूल चुके हैं, इसलिए इसका मतलब हमारा पतन हो रहा, इसके लिए सबसे पहले आत्मविश्वास बनना होगा। हमलोग को भी आज हनुमान को जगाने वाला जामवंत की आवश्यकता है। हमरे अंदर यह स्वबोध जगा सके।
चाणक्य वाले प्रबुद्ध की अवश्यकता
भारत को चाणक्य सोच वाले प्रबुद्ध की आवश्यकता है। देश के लिए वो विद्यालय होना चाहिए जो न कि सिर्फ रोजी-रोटी के लिए तैयार कर सके, बल्की देश के लिए तैयार कर सके। बुद्धिमान तो हर कोई होते हैं उन्हें किसी खास विद्यालय जानें की जरूरत नहीं। बस उनके जगाने वाला होना चाहिए, ताकि वो अपने देश राष्ट्र और समाज के लिए काम कर सके और उसके लिए ही जी सके। उन्होंने संविधान को लेकर कहा कि भारतीय संविधान हिंदू का प्रतीक है। पूरी दुनिया में हिंदू ही एक धर्म है जो कभी भी स्टेट और रिलीजन को एक नहीं होने दिया। संविधान का हर लाइन हिंदू धर्म का है।
7 विश्वविद्यालयों से प्राचार्य और अन्य रहे उपस्थित
प्रांत-बैठक में बिहार के 7 विश्वविद्यालयों से प्राध्यापक मुख्य रुप से आरा के प्रो किस्मत कु. सिंह, भागलपुर के प्रो. ब्रजभूणण तिवारी, मुंगेर से डॉ. विद्यानंद चौधरी, गया से डॉ. रोहित सिंह, सासाराम से डॉ. गुरुचरण सिंह, पटना से डॉ. संजय सागर एवं शोधार्थियों के साथ-साथ समाज-जीवन में वैचारिक-कार्य करनेवाले 45 कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही। अंत में अध्यक्ष लक्ष्मीबाबू ने कार्य की गति बढ़ानें का आग्रह किया। युवा आयाम के संयोजक डॉ. सोनू प्रताप सिंह ने पटना विश्वविद्यालय के सभी को साभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित की। मौके पर डॉ. रवींद्र कुमार, इंद्रजीत कुमार एवं उपस्थित महिला आयाम से स्वीटी कुमारी भी मौजूद रही।