पटना कलम की कार्यशाला का मुख्य राज्य सूचना आयुक्त सह पूर्व मुख्य सचिव ने किया शुभारंभ
इन्टैक पटना चैप्टर, योर हेरिटेज एवं अरुणोदय संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में सेंट जेवियर स्कूल, पटेल नगर में आयोजित सात दिवसीय पटना कलम पेंटिंग्स प्रशिक्षण का शुभारंभ मुख्य राज्य सूचना आयुक्त सह पूर्व मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने सोमवार को किया। पटेलनगर स्थित एक निजी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि पटना कलम का सांस्कृतिक इतिहास काफी गौरवशाली है।
विलुप्त होने से बचाने हेतु प्रयास
राज्य के कलाप्रेमियों को इस शैली को विलुप्त होने से बचाने हेतु प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में सांस्कृतिक गतिविधियों में वृद्धि होने के बावजूद पटना कलम पर अधिक ध्यान नहीं दिया जा सका, लेकिन कुछ संस्थाओं ने इस दिशा में प्रयास किया है, जो कि काफी सराहनीय है।
प्रो. रजनी श्रीवास्तव ने कहा
कार्यक्रम में निफ्ट, पटना की वस्त्र विभाग की प्रो. रजनी श्रीवास्तव ने कहा कि पटना कलम की बची हुई पेंटिंग्स के रंग-विन्यास को देखकर हम इसका अभ्यास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षणार्थियों को पटना कलम सीखने के क्रम में आकृति के साथ-साथ रंगों के उपयोग पर भी ध्यान देना चाहिए।
इन्टैक, पटना चैप्टर के भैरव लाल दास ने कहा कि हमारा संकल्प है कि पटना कलम को विलुप्त होने से बचा लिया जाए और इस हेतु पटना के विभिन्न जगहों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
योर हेरिटेज
‘योर हेरिटेज’ की रचना प्रियदर्शिनी व सविता उपाध्याय ने कहा कि पटना की विरासतों में विविधताएं हैं। इन विरासतों को बचाने के लिए हमें समाज के सभी वर्गों को इससे जोड़ना होगा। कला समालोचक कविता कानन चंद्रा ने कहा कि गुजरात की भील जनजातियों द्वारा किए जानेवाले पिथौरा पेंटिंग्स को यदि पुनर्जीवित किया जा सकता है, तो फिर कोई कारण नहीं है कि पटना कलम को बचाने के लिए प्रयास न किया जाए। उन्होंने आयोजकों से आग्रह किया कि पटना कलम चित्रकला की कार्यशालाएं आयोजित करने के साथ-साथ इसे बाजार से जोड़ने की तैयारी भी करनी चाहिए, ताकि कलाकारों में यह विश्वास हो कि उन्हें बाजार खोजने के लिए अधिक श्रम नहीं करना होगा।
अरुणोदय की कादम्बिनी सिन्हा ने कहा कि उनकी संस्था समाज के वंचित वर्गों में कला के प्रति रुझान पैदा करने का भरसक प्रयास करती है। प्रशिक्षक जितेंद्र मोहन ने कहा कि पटना कलम की बहुत कम पेंटिंग्स बची हुई हैं और हम उनकी सहायता से ही पटना कलम सिखाते हैं। प्रशिक्षक रूपेश ने कहा कि पटना कलम शैली में पहले समाज की व्यवहारिक चीजों की पेंटिंग्स बनाई जाती थी।
धन्यवाद ज्ञापन
धन्यवाद ज्ञापन अरुणोदय की आराधना तिवारी ने किया। स्पिक मैके के मनीष कुमार ने भी प्रशिक्षणार्थियों को शुभकामनाएं दीं कार्यशाला में हर उम्र-वर्ग के प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं। यह कार्यशाला 1 जुलाई 2024 से शुरू होकर 7 जुलाई 2024 तक चलेगी |