राम के दूत और परम मित्र हनुमान की जयंती को पुरे देश में धूम धाम से मनाया जा रहा है.
हनुमान जयंती एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जो भगवान हनुमान के जन्म दिवस पर मनाई जाती है. यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में तिथि के अनुसार मनाया जाता है !
भारत के अधिकांश राज्यों में यह त्योहार आमतौर पर चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, वहीं कर्नाटक में हनुमान जन्मोत्सव मार्गशीर्ष महीने के दौरान शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को मनाया जाता है.
भगवान हनुमान को बुराई के खिलाफ जीत हासिल करने और सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता वाले देवता के रूप में पूजा जाता है. इस शुभ दिन पर श्रद्धालु भगवान हनुमान से सुरक्षा और आशीर्वाद मांगते हैं !
हनुमान जी का जन्म अंजनेरी पर्वत पर हुआ था. उनकी माता अंजना एक अप्सरा थीं जो एक श्राप के कारण पृथ्वी पर पैदा हुई थीं. पुत्र को जन्म देने पर उन्हें इस श्राप से मुक्ति मिली. वाल्मीकि रामायण में कहा गया है कि उनके पिता केसरी बृहस्पति के पुत्र थे. वे सुमेरु नामक स्थान के राजा थे. अंजना ने संतान प्राप्ति के लिए रुद्र से 12 वर्षों तक गहन प्रार्थना की. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर रुद्र ने उन्हें हनुमान के रूप में पुत्र प्रदान किया . एक अन्य व्याख्या में हनुमान स्वयं रुद्र के अवतार या प्रतिबिंब हैं. हनुमान को अक्सर देवता वायु यानी पवन देवता का पुत्र कहा जाता है. सनातन धर्म के अनुसार सूर्य देव को हनुमान जी का गुरु माना जाता है.
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंगलवार को महावीर मन्दिर में सामान्य तौर पर भक्त अधिक संख्या में आते हैं और हनुमानजी को नैवेद्यम प्रसाद चढ़ाते हैं. चैत्र पूर्णिमा के सुयोग के कारण महावीर मन्दिर में इस मंगलवार को और अधिक संख्या में भक्त आएंगे और अपने आराध्य को प्रसाद चढ़ाएंगे.
आज हनुमान जंयती नहीं मनाएगा महावीर मंदिर
महावीर मंदिर में हनुमान जयंती का औपचारिक आयोजन रामानंद परंपरा के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को यानी दीपावली के एक दिन पूर्व किया जाएगा. इस बारे में विशेष जानकारी देते हुए महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि रामानन्दाचार्य के वैष्णव मताब्ज भास्कर में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जी के जन्म का उल्लेख है.
नासे रोग हरे सब पीड़ा, जपत निरंतार्र हनुमंत वीरा…बज्रंबली की जय !