लोकसभा स्पीकर को लेकर सरकार और विपक्ष में ठन गई है। ताजा अपडेट के अनुसार जहां भाजपा के ओम बिरला ने एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन कर दिया है, वहीं विपक्ष ने भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। साफ है कि अब लोकसभा का स्पीकर निर्विरोध नहीं चुना जाएगा। भारत के 72 साल के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि जब स्पीकर के पद के लिए चुनाव होगा। विपक्ष ने कांग्रेस के केरल से 8वीं बार जीतकर आये के सुरेश को स्पीकर पद का उम्मीदवार बनाया है।
संसदीय इतिहास में पहली बार स्पीकर का चुनाव
इधर डिप्टी स्पीकर पद के लिए अड़े कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष एनडीए ने साफ कर दिया कि ओम बिरला लोकसभा के नए अध्यक्ष बनेंगे। इसपर विपक्ष की ओर से राहुल गांधी ने भी साफ कह दिया कि हम लोकसभा स्पीकर पर तभी बीजेपी का समर्थन करेंगे जब डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाएगा। लेकिन एनडीए और इंडिया अलायंस के बीच स्पीकर और डेप्युटी स्पीकर को लेकर सहमति नहीं बन पाई।
ललन सिंह ने विपक्ष पर दबाव बनाने का लगाया आरोप
एनडीए की ओर से ओम बिरला और विपक्ष की ओर से कांग्रेस के के सुरेश ने नामांकन कर दिया है। जदयू नेता और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री ललन सिंह ने कहा कि विपक्ष उपाध्यक्ष पद पर गारंटी चाहता था। लेकिन फिलहाल सत्ता पक्ष ने कहा कि वह बाद में देखेंगे, पहले आप अध्यक्ष पद पर समर्थन करें। इसके लिये विपक्ष तैयार नहीं हुआ। विपक्ष शर्तों के आधार पर दबाव बनाना चाहता था।