नवादा : जिले का कश्मीर ऐतिहासिक शीतल जल प्रपात का आनंद इस वर्ष भी सैलानी नहीं ले सकेंगे। वैसे मानसून दस्तक दे रहा है। जब झमाझम बारिश होगी तो स्वाभाविक है कि तपीश में कमी आयेगी फिर ककोलत स्नान का मज़ा किरकिरा हो जायेगा। ऐसा सौन्दर्यीकरण कार्य में विलम्ब के कारण हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार का कश्मीर कहा जाने वाला ककोलत का सौंदर्यीकरण कार्य वन विभाग द्वारा कराया जा रहा है। इस कारण पिछले दो वर्ष ककोलत सैलानियों के आने-जाने के लिए बंद था। वहां, कई कार्य कराए जा रहे हैं। वाटर फॉल के पास कुंड का निर्माण, नीचे में वृद्ध व बच्चों के लिए कुंड का निर्माण, चिल्ड्रेन पार्क का निर्माण, सुरक्षा कर्मियों के लिए बैरक का निर्माण, सीढ़ियों का निर्माण, रेलिंग का निर्माण, चेंजिंग रूम का निर्माण, वाहन पार्किंग स्थल का निर्माण, शौचालय का निर्माण, पेजयल की व्यवस्था, वेंडिंग जोन का निर्माण, गेस्ट हाउस, प्रशासनिक भवन का निर्माण सहित अन्य कार्य कराए जा रहे हैं।
ककोलत जिले के गोविंदपुर प्रखंड क्षेत्र में स्थित है। पहाड़ों के उपर से गिरती जलधारा की शीतलता सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। हालांकि, लंबे समय तक यह विकास से उपेक्षित रहा था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ध्यान इस ओर गया तो उन्होंने यहां का दौरा किया। ककोलत सौन्दर्यीकरण के लिये करीब 15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। तीन चरणों में काम पूरा होना है । मई 2024 में काम पूरा होने का लक्ष्य था।
पहली बार सीएम 30 दिसंबर 2018 को ककोलत पहुंचे थे। पिछली बार सीएम 27 मई 2022 को आए थे। तब उन्होंने कहा था कि काेरोना के कारण काम बाधित हुआ, अब काम को तेज करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन, मई माह में हुई बारिश की उग्रधारा ने मंसूबे पर पानी फेर दिया। निर्माण से संबंधित कई सामग्री को उग्रधारा बहा ले गयी जिससे समय पर कार्य पूरा नहीं होने के कारण ककोलत का सौन्दर्यीकरण में बिलम्ब के कारण सैलानियों के लिए खोल पाना तत्काल संभव नहीं हो पा रहा है।
भईया जी की रिपोर्ट