मुजफ्फरपुर एक बार फिर बालिका गृह कांड जैसी हैवानियत का गवाह बना है। यहां एक चिटफंड कंपनी के निदेशक और उसके दरिंदों पर 200 मासूम लड़कियों को जाल में फांसने और उनका यौन शोषण करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इन सभी लड़कियों को नौकरी देने के नाम पर पहले फेसबुक पर विज्ञापन के जरिये जाल में फांसा गया और फिर इन्हें बंधक बनाकर रेप किया गया। इनके चंगुल से फरार हुई एक पीड़ित लड़की ने पुलिस के सामने दरिंदों की काली करतूत बताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद से ही पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
फेसबुक पोस्ट से नौकरी का दिया लालच
मामला मुजफ्फरपुर के अहियापुर इलाके का है। करीब 180 लड़कियों को नौकरी देने का झांसा देकर चिटफंड कंपनी डीबीआर के निदेशक तिलक सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
छपरा की रहने वाली पीड़ित लड़की ने बताया कि सोशल मीडिया पर महिलाओं के लिए जॉब ऑफर के एक पोस्ट के माध्यम से वह डीवीआर नाम के संस्था से जुड़ी थी। अप्लाई करने पर चयन होने के बाद प्रशिक्षण के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग की गई। रकम के जमा करने के बाद बहुत सारी लड़कियों के साथ उसे अहियापुर थाना क्षेत्र में ही बखरी के पास एक मकान में रखा गया। इस दौरान में लगभग तीन महीना तक गुजर जाने के बाद भी जब सैलरी नहीं मिली तो उसने संस्था के सीएमडी तिलक सिंह के समक्ष अपनी बात रखी और तब उसे ये बताया गया कि 50 और लड़कियों को संस्था से जोड़ने पर उसकी सैलरी 50 हजार कर दी जाएगी।
पुलिस ने छापेमारी कर कई लड़कियों को छुड़ाया
जब पीड़ित लड़की ने 50 और लोगों को जोड़ने में असमर्थता जताई तो उस पर दबाव बनाया गया और उसके मोबाइल के सभी कांटेक्ट लिस्ट के हिसाब से लोगों को जोड़ने की नसीहत दी गई। इसी बीच अहियापुर स्थित संस्था के कथित दफ्तर और एक हॉस्टल पर पुलिस की छापेमारी हुई और वहां से बहुत सी लड़कियों को पुलिस ने छुड़ाया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि तिलक सिंह ने उसके साथ जोर जबरदस्ती कर शारीरिक संबंध बनाया था। इस दौरान वह गर्भवती भी हुई जिसके बाद उसका गर्भपात करा दिया गया। जब वह घर जाने की जिद की तो उसे जबरदस्ती मारपीट कर चुप कर दिया जाता था। बाद में तिलक सिंह अपने सहयोगियों के साथ आया। इसके बाद दो सौ रुपये का नोट देकर नसीहत दी। तुम घर जाना चाहती हो तो जाओ। इसके बाद वह पुलिस के पास गई।
चिटफंड कंपनी का निदेशक फरार, पुलिस छापेमारी
पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया कि इस चिटफंड कंपनी में 180 लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर फंसाया गया था। इनमें से कई लड़कियों के साथ मारपीट की गई और कई लड़कियों का शारीरिक शोषण किया गया। पूरे मामले में अहियापुर थानेदार रोहन कुमार ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। घटना के बाद से मुख्य आरोपी फरार हो गया है। कुछ लोगों की तलाश में छापेमारी चल रही है।