लखनऊ : महिलाओं के शिक्षा के लिये समाज और सरकार प्रतिदिन नये नये प्रयास कर रही है जिसमें “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” एवं “सर्वशिक्षा अभियान” जैसी महत्वपूर्ण योजनाए शामिल है, सभी का मुख्य उद्देश्य है कि हमारे समाज में महिलाओं के सशक्तीकरण के स्तर को ऊपर लाया जाये । इन्ही उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में देश के कुछ इनोवेटर्स के सामूहिक प्रयासों ने “महिला शिक्षा रोबोटिक डिवाइस” के डिज़ाइन का भारत सरकार का पेटेंट प्राप्त किया है । इसे महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है । हमारे देश की महिलाओं को उत्तम शिक्षा सरल तरीक़े से व उनके सीखने की क्षमता के अनुसार आधुनिक प्रणाली द्वारा प्राप्त हो, को ध्यान में रखते हुए यह तकनीकी डिज़ाइन विकसित की गई है ।
“महिला शिक्षा रोबोटिक डिवाइस” एक नई और उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी है इसका उद्देश्य महिलाओं को विशेष रूप से विज्ञान, तकनीकी, अभियंत्रण और गणित (STEM) शिक्षा में सशक्त करना है। इस डिवाइस का प्रमाणीकरण भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्धन के बौद्धिक संपदा विभाग द्वारा किया गया है। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने इस संबंध में बताया कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि आने वाले भविष्य में रोबोटिक्स तकनीकी पर आधारित यह डिवाइस ग्रामीण व शहरी सभी प्रकार की महिलावों के सामाजिक व राजनैतिक दृष्टिकोण से उन्हें सशक्त बनाएगा । इस नवाचार के पीछे कई प्रमुख शोधकर्ता हैं, जिनमें डॉ. शंकर कुमार लाल, डॉ. नीरज कुमार तिवारी, प्रो. संजय श्रीवास्तव, डॉ. रत्नर्तु: मिश्रा, डॉ. गोपाल सिंह, डॉ. निशा पाल, और डॉ. अमिताभा शामिल हैं।
लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के सैटलाइट सेंटर में कार्यरत समाजशास्त्र विभाग के समन्वयक डॉ. शंकर कुमार लाल, संस्थान के प्रशासनिक प्रभारी एवं आईटी सेल के प्रमुख डॉ. नीरज कुमार तिवारी और महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने इस डिवाइस के डिज़ाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षा के विभिन्न आयामों का विश्लेषण छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. रत्नर्तु मिश्रा व डॉ. गोपाल सिंह द्वारा किया गया है । इस रोबोटिक डिवाइस के डिज़ाइन में सभी सॉफ़्टवेयर्स व सेंसर्स के इंटीग्रेशन का मूल्यांकन नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ की डॉ. अमिताभा द्वारा किया गया है। डॉ. निशा ने इस डिवाइस के उपयोग के सामाजिक प्रभावों का सूक्ष्म विश्लेषण किया और पाया कि महिलाओं के लिये इसका उपयोग प्रभावकारी साबित होगा ।
यह डिवाइस प्रोग्रामिंग रोबोट, इंटरएक्टिव सॉफ्टवेयर, सेंसर्स, और विभिन्न शैक्षिक सामग्री के साथ तैयार की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को विभिन्न शैक्षिक क्षेत्रों में बेहतर बनाना है, जैसे कि विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग, और गणित। इसका उपयोग सभी प्रकार के शैक्षिक परिदृश्यों जैसे कि स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षिक संस्थान में किया जा सकता है ।
बकौल डॉ. रत्नर्तु: मिश्रा, यह डिवाइस महिलाओं के लिए न केवल एक तकनीकी उपकरण है, बल्कि इससे महिलाओं में रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही साथ उनकी अच्छी शिक्षा एक बेहतर सामाजिक जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगी। इससे वे अपनी सोच और कौशल को विकसित कर सकती हैं और आगे बढ़ सकती हैं। महिला शिक्षा रोबोटिक डिवाइस के माध्यम से, प्रयास है कि हमारे समाज में महिलाओं के प्रति आधुनिक दृष्टिकोण के साथ उनका स्वाभिमान और सामाजिक स्थिति को बल मिलेगा, जिससे वे समाज में अपनी और अच्छी पहचान बनाने में सफल हो सकेंगी। अगर हम महिलाओं को शिक्षित करते हैं, तो हम समाज को शिक्षित कर रहे हैं। महिला शिक्षा रोबोटिक डिवाइस की शुरुआत ने एक नई सोच का आरम्भ किया है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा देगी और उन्हें समाज में गौरवान्वित करेगी ।