राष्ट्रीय लोक अदालत (13.07.2024) की सफलता हेतु न्यायिक पदाधिकारियों की बैठक
नवादा : नालसा एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश पर आशुतोष कुमार झा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश के आलोक में दिनांक 13.07.2024 को व्यवहार न्यायालय में सभी प्रकार के सुलहनीय वादों के निष्पादन हेतु आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के सफलता हेतु आज दिनांक 25.05.2024 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार आशुतोष कुमार झा की अध्यक्षता में उनके प्रकोष्ठ में न्यायमंडल के न्यायिक पदाधिकारियों के साथ बैठक की गयी।
बैठक में सभी प्रकार के सुलहनीय अपराधिक वादों का न्यायालयवार समीक्षा की गयी। जिसमें सभी न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा अपने अपने न्यायालयों के वादों के बारे में बताया गया साथ ही निष्पादन के लिए चिन्हित वादों की चर्चा की गयी।
उक्त बैठक में सुलहनीय योग अपराधिक वाद, मापतौल, श्रम एवं वन वाद वैवाहिक वाद तथा एम0वी0 क्लेम वादों का न्यायालयवार चिन्हित सूची से सुलहनामा हेतु तैयार वादों में नोटिस निर्गत करने का निर्देश दिया। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा जी0ओ0 वादों में पक्षकारों के विरूद्ध वारंट (यथाआवश्यक) निर्गत करने के संबंध में न्यायिक पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया। बैठक में मनी सूट एवं धारा 138 एन0 आई0 एक्ट के संबंध में भी चर्चा की गयी।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा यह भी बताया गया कि पूर्व बैठक (प्री सीटिंग) के माध्यम से अपराधिक सुलहनीय वादों को कॉउन्सीलिंग कर सुलह के आधार पर वाद का निष्पादन किया जाए तथा वैसे सभी वादों जिसमें पूर्व में सुलहनामा आवेदन अभिलेख पर उपलब्ध है या अभिलेख में दाखिल किया गया है वैसे वादों में पक्षकारों पर नोटिस निर्गत सुनिश्चित करने के लिए भी न्यायिक पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया।
बैठक में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, पंचम, सप्तम् के साथ-साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में उपस्थित न्यायिक पदाधिकारियों को अधिक से अधिक सुलहनीय वादों के निष्पादन हेतु दिशा निर्देश दिया गया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा उपस्थित पदाधिकारियों से अनुरोध किया गया कि इन सुलहनीय मामले में सुलह के आधार पर समझौता कराकर वाद के निष्पादन कराया जाए।
जिला जज ने मंडल कारा, का किया निरीक्षण
नवादा : माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश पर एवं विद्वान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार आशुतोष कुमार झा, प्रभारी सी0जे0एम0, धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार कुमारी सरोज कीर्ति नेे दिनांक 25.05.2024 को मंडल कारा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में जेल वार्डों का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के क्रम में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा यह निर्देशित किया गया कि बंदियों को नियमित रूप से यह बताना सुनिश्चित करें कि किसी भी बंदी को व्यवहार न्यायालय में विधिक सहायता की आवश्यकता हो तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। जेल अधीक्षक मंडल कारा द्वारा यह भी बताया गया कि मंडल कारा में साफ-सफाई कर फिनाईल, चूना एवं ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव किया गया है साथ ही कारा के अन्दर एवं बाहर मच्छरों से बचाव हेतु छिड़काव कराया गया है।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा जेल प्रशासन को यह निर्देशित किया गया कि बंदियों के रसोईघर के साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें तथा कारा परिसर एवं बंदियों के जगह को नियमित तौर पर सेनेटाईज कराते रहें साथ ही कारा अस्पताल परिसर की साफ सफाई भी विशेष ध्यान रखें। उन्हें यह भी निर्देशित किया गया कि जो बंदी 60 वर्ष या उससे अधिक के हैं, ऐसे बंदियों पर विशेष ध्यान रखें।
इस अवसर पर आशुतोष कुमार झा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, कुमारी सरोज कीर्ति, जेल प्रशासन, डिफेंस लॉयर अमन जैन, लिपिक राकेश कुमार आदि उपस्थित थे।
मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम
नवादा : बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पुरूषोत्तम मिश्र के निर्देश के आलोक में कौवाकोल प्रखंड परिसर में लिगल एवर्नेस प्रोग्राम ऑन देश टॉपिक ’’प्री इंस्टीच्यूशन मेडिएशन एण्ड सेटलमेंट इन कॉमर्सियल डिस्पूट्स’’ मेडिटेशन एवर्नेस प्रोग्राम ऑन द प्र श्री राम मेडिएशन ऐज एडीआर मेकैनिज्म का आयोजन किया गया।
कार्यकम को संबोघित करते हुए श्रीराम उमेश्वर प्रसाद सिंह, डिफेंस अधिवक्ता लीगल एड डिफेंस कॉन्सिल ने बताया कि मध्यस्थता विवादों को निपटाने की सरल एवं निष्पक्ष आधुनिक प्रक्रिया है। इसके द्वारा मध्यस्थ अधिकारी दबाव रहित वातावरण में विभिन्न पक्षों के विवादों का निपटाया करते हैं। सभी पक्ष अपनी इच्छा से सद्भावना पूर्ण वातावरण में विवाद का समाधान निकालते हेैं तथा उसे सभी पक्ष अपने विवाद को सही दृष्टिकोण से मापते हैं और वह समझौता सभी पक्षों को मान्य होता है, उसे अपनाते हैं। इस पद्वति के द्वारा विवादों का जल्द से जल्द निपटारा होता है। जो बिना खर्च होता है। यह मुकदमों के झंझट से मुक्त है। साथ ही साथ न्यायालय पर बढ़ते मुकदमें का बोझ भी कम होता है।
मध्यस्थता अधिकारीयों निष्पक्ष मध्यस्थता के लिए पूर्णतः प्रशिक्षित होता है। सभी पक्षों को उनके विवादों का हल निकालने में मदद करते हैं। मध्यस्थता एक ढॉंचागत प्रक्रिया है। इसकी अपनी कार्यप्रणाली है। इसके अनुसार मध्यस्थ अधिकारी मध्यस्थता की प्रक्रिया को सभी पक्ष को अवगत कराता है। उन्हें प्रक्रिया के नियम एवं गोपनीयता के बारे में भी बताता है। मध्यस्थ अधिकारी पक्षों से उनके विवाद के प्रति जानकाकारी प्राप्त करता है तथा विवाद के निपटारे के अनुकूल वातावरण तैयार करता है इस प्रक्रिया में संयुक्त सत्र एवं पृथक सत्र द्वारा हर पक्ष से बात करते हैं एवं दोनों पक्षों को साथ बैठाकर मध्यस्थता का कार्य किया जाता है।
उक्त सत्र में दोनों पक्ष अपने हर मुद्दे को मध्यस्थ अधिकारी के समक्ष रखते हैं जिसे गोपनीय रखा जाता है। उक्त सत्र के माध्यम से मध्यस्थ अधिकारी विवाद की जड़ तक पहूॅंचता है। मध्यस्थ अधिकारी दोनों पक्षेां को राजी खुशी से से सुलह हेतु तैयार करवाते हैं तथा विवाद का निवारण करवाते हैं तथा सभी पक्षों से पुष्टि भी करवाते हैं। इस समझौते को लिखित रूप में अंकित किया जाता है जिसपर सभी पक्ष हस्ताक्षर करते हैं।
मध्यस्थता के नहीं होने से पक्षकारों को समय की बर्बादी, मानसिक एवं शारीरिक शांति भंग एवं धन की हानि, आपसी घृणा, झूठे अहम को बढ़ावा एवं असंतोष जैसी हानियॉं होती है। रिटेनर अधिवक्ता ने मध्यस्थता प्रक्रिया के लाभ के बारे में बताया कि इस आधूनिक प्रक्रिया द्वारा विवाद का अविलंब एवं शीघ्र समाधन, समय तथा खर्चे का किफायत, न्यायालयों में चक्कर लगाने से राहत, अत्यधिक सरल एवं सूविधाजनक, विवाद का हमेशा के लिए प्रभावी एवं सर्वमान्य समधान, समाधान में पक्षों की सहमति को महत्व, अनौपचारिक, निजी तथा पूर्णतः गोपनीय प्रक्रिया, समाजिक सदभाव कायम करने में सहायक, आदि लाभ पक्षकारों को मिलता है।
व्यवसायिक विवादों में कोर्ट जाने के पहले प्री-इंस्टीच्यूशन मेडिएशन एण्ड सेटलमेंट इन कॉमर्शियल डिस्पूटस के तहत पक्षकार लाभ उठा सकते हैं। व्यवहार न्यायालय, नवादा में तीन व्यवसायिक न्यायालय कार्यरत है। सबजज प्रथम एवं जिला जज का न्यायालय व्यवसायिक न्यायालय है तथा जिला जज न्यायालय अपीलीय न्यायालय के रूप में भी कार्य करता है। श्री उमेश्वर प्रसाद सिंह, डिफेंस अधिवक्ता लीगल एड डिफेंस कॉन्सिल ने एडीआर मेकैनिज्म के बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि यह एक आधनिक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से वादों का निपटारा सुलह के आधार पर किया जाता है। इसके अन्तर्गत मध्यस्थता, केन्द्र लोक अदालत इत्यादि आते हैं। कार्यक्रम में श्री उमेश्वर प्रसाद सिंह, डिफेंस अधिवक्ता लीगल एड डिफेंस कॉन्सिल एवं पारा विधिक स्वयं सेवक रामानुज कुमार उपस्थित हुए।
राष्ट्रीय लोक अदालत एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम हेतु हिसुआ प्रखंड विकास पदाधिकारी के प्रतिनिधि के साथ हुई बैठक
नवादा : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवाए प्राधिकार, पटना के निर्देश के आलोक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, आशुतोष कुमार झा के मार्गदर्शन में कुमारी सरोज कीर्ति, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में बैठक का आयोजन किया गया।
जिसमें दिनांक 26.05.2024 को 11ः00 पूर्वाह्न में हिसुआ प्रखंड परिसर में लिगल एवर्नेस प्रोग्राम ऑन टॉपिक ऑफ लोक अदालत एण्ड एडीआर सिस्टम मेडिएशन पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में आवश्यक विचार विमर्श हेतु हिसुआ प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से उनके प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्होंने जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने हेतुु सहयोग करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों एवं आम जनता को जागरूकता के लिए लोगों को एकत्रित कर उनको जागरूक किया जाएगा साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि दिनांक 13.07.2024 को 10ः00 बजे पूर्वाह्न से व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु पंचायत स्तर पर व्यापक प्रचार प्रसार पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से की जाएगी एवं पक्षकारों को सुलह के आधार पर वादों के निष्पादन के लिए प्रेरित की जाएगी।
भईया जी की रिपोर्ट