नवादा : खबर नवादा जिले से है जहां तीन माह के प्यार में तीन बच्चों के पिता ने जमुई जिले क़े तलाकशुदा महिला से मंदिर में शादी रचा ली है। अनुमंडल कार्यालय मंदिर इसका गवाह बना। मंदिर में शादी के बाद दोनों ने कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी की। मंदिर में हुई इस शादी को देखने लोगों की भीड़ जुट गई। पत्नी की मौत के बाद से तीन बच्चों के 40 वर्षीय पिता भीम पासवान को एक जीवनसाथी की जरूरत थी। विधवा जैसी जिंदगी जी रही सरिता कुमारी को भी जीवनसाथी की जरूरत थी। इसलिए दोनों ने आपसी सहमती से मंदिर में जाकर शादी कर ली।
मिली जानकारी के अनुसार तीन माह पहले तीन बच्चों के पिता भीम पासवान और एक विधवा महिला दोनों को एक-दूसरे के बारे में जानकारी मिली। फिर रिश्तेदारों की मदद से दोनों ने एक-दूसरे का मोबाइल नंबर लिया। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत होने लगी। तीन माह में बातचीत के दौरान दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे और जिंदगी भर साथ निभाने का फैसला कर शादी का निर्णय ले लिया।
प्रेम विवाह में परिवारजनों ने दिया साथ
आनन-फानन में दोनों ने अपने प्यार-मुहब्बत की जानकारी अपने रिश्तेदारों से साझा किया। फिर क्या था, कानून शादी करने दोनों कोर्ट पहुंच गए। अनुमंडल कार्यालय मंदिर में पहले देवी-देवताओं से आशीर्वाद लिया और फिर एक-दूसरे को माला पहनाकर शादी कर ली। जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल इलाके के रहने वाले भीम पासवान ने बताया कि वह तीन बच्चों का पिता है। चार माह पहले उसकी पत्नी की मौत बीमारी से हो गई थी। वह चेन्नई की एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। इस बीच उसे सरिता का मोबाइल नंबर मिला और वह उससे बात करने लगा। इसके बाद शादी का निर्णय ले लिया।
पति की प्रताडऩा से सरिता ने लिया था तलाक
जमुई के अलीगंज इलाके की 30 वर्षीय सरिता के अनुसार साल 2018 में उसके घरवालों ने उसकी शादी धनबाद के एक लड़के से करवाई थी। लड़का शराबी था और नशे में उसके साथ मारपीट करता था, साथ ही प्रताड़ित भी करता था। प्रताड़ना और अपनी जिंदगी संवारने के लिए उसने तलाक ले लिया। इसके बाद वह अपने मायके में रहने लगी। फिर अचानक उसके मोबाइल पर भीम का फोन आया। दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई तब उसे लगा कि तलाकशुदा होने के बाद विधवा की जिंदगी छोड़ भीम और उसके परिवारवालों का साथ दें। फिर सरिता ने भीम से शादी का निर्णय लिया। मंदिर में हुई शादी के बाद वहां मौजूद लोगों ने दोनों युगल जोड़ी को शुभकामनाएं दी।
भईया जी की रिपोर्ट