केके पाठक ने सरकार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। पक्ष—विपक्ष के नेतागण, शिक्षक और अब राजभवन। सब उनके फरमानों से परेशान हैं। ताजा आदेश में केके पाठक ने राजभवन से एक बार फिर सीधे—सीधे पंगा ले लिया है। उन्होंने शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल न होने वाले तीन कुलपतियों को शो कॉज जारी किया है कि क्यों न आपको पद से हटा दिया जाए? यही नहीं उन्होंने इन तीन विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर भी रोक लगा दी है। ये तीन वीसी और विवि हैं, मजहरुल हक अरबी—फारसी विवि, मुंगेर विवि और पूर्णिया विवि।
तीन विवि के बैंक खातों पर रोक, वीसी से शोकॉज
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने हाल में विभागीय समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसमें इन तीन विवि के वीसी नहीं आये। इसी के बाद केके पाठक के विभाग ने यह कार्रवाई की है। उधर श्री पाठक के स्कूल की टाइमिंग को लेकर अलग बवाल मचा हुआ है। विपक्ष के नेता सरकार से सवाल पूछने लगे हैं कि शिक्षकों को इस तरह से प्रताड़ित क्यों किया जा रहा। यही नहीं, स्कूलों के टाइम टेबल में संशोधन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के पांच MLC ने शिक्षा मंत्री को भी पत्र लिखा है।
बीच चुनाव सरकार नहीं लेना चाहती रिस्क
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के फैसलों से एक बार फिर बिहार में माहौल गरम है। इस समय चुनाव चल रहा, इसलिए राज्य सरकार भी पसोपेश में है। उधर केके पाठक हैं कि लगातार नए आदेश जारी कर रहे। कुलपतियों की बैठक को लेकर पहले भी उनका राजभवन से टकराव हो चुका था। अब यह नया पंगा। लेकिन मामले में सरकार खुलकर सामने नहीं आ रही। शायद नीतीश सरकार बीच चुनाव कोई नया सिरदर्द लेने का रिस्क नहीं लेना चाहती।