नवादा : बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को करारा झटका लगने के बाद राजद के दो धड़ों द्वारा अलग अलग समीक्षा बैठकों के बहाने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में राजद मजबूत होने के बजाय कमजोर होने लगी है। हालात यहां तक पहुंच गया है कि जिलाध्यक्ष उदय यादव ने जिसे पूरे जोश खरोस के साथ राजद की सदस्यता ही नहीं बल्कि जिला संगठन में पद देकर सुशोभित किया था एक एक कर पद से निकालने में लगे हैं।
जिला राजद में पहले पूर्व मंत्री राजवल्लभ परिवार का दबदबा था। एक षड्यंत्र के तहत न केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार को दल से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया गया। राजवल्लभ व उनके परिवार को राजद से विमुख करा जिलाध्यक्ष उदय यादव व श्रवण कुशवाहा को लगा था अब वे एकक्षत्र राज कर सकेंगे लेकिन मौका देखते ही पूर्व विधायक कौशल यादव, पूर्णिमा यादव व पूर्व विधान पार्षद सलमान रागिव अपने समर्थकों के साथ न केवल जदयू को टाटा बाय बाय बोल राजद का दामन थाम लिया बल्कि दोनों पति-पत्नी नवादा व गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्रों से टिकट लेकर एक साथ तीन क्षत्रपों को दिन में तारे दिखा दिया।
अब कौशल समर्थकों द्वारा चुनाव में हार की समीक्षा के बहाने उदय व श्रवण कुशवाहा पर न केवल सीधा हमले कर व करवा रहे हैं बल्कि बात उनके बाप की औकात तक पहुंच चुकी है। आगे और कहां तक जायेगी कहना मुश्किल है। ऐसे में जिलाध्यक्ष ने पहले कहा जिनको दल में रहना है दलीय अनुशासन का पालन करते हुए रहे, अन्यथा बाहर का रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं।
बावजूद उनकी चेतावनी का असर पड़ने के बजाय हमला दोनों ओर से और तेज हो गया। जिसका परिणाम हुआ कि जिलाध्यक्ष उदय यादव ने राजद उपाध्यक्ष विनय यादव जो कौशल यादव के दायें हाथ माने जाते रहे हैं उपाध्यक्ष पद से निष्कासित कर दिया। इसके पूर्व युवा राजद महासचिव चंदन चौधरी को पद से निष्कासित किया जा चुका है। इन सबों के बीच राज्य कमिटी चुप्पी साधे तमाशा देख रही है जबकि जिला राजद बेहद संक्रमण काल से गुजर रहा है। इसका परिणाम है कि राजद कार्यकर्ता मायूस होने लगे हैं।
भईया जी की रिपोर्ट