नवादा : जिले के बिहार-झारखंड सीमा रजौली चेकपोस्ट पर तैनात गृहरक्षकों की मनमानी और अनुशासनहीनता का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। आलू लदे वाहन के चालक से जबरन आलू मांगने और उसके साथ दुर्व्यवहार की पुष्टि होने पर दोषी पाए गए 11 गृहरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।
कार्रवाई प्रसारित वीडियो की जांच के बाद की गई । पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान के माध्यम से 18 दिसंबर को सूचना मिली की 24 नवंबर की रात करीब 10 से 11 बजे के बीच रजौली चेकपोस्ट पर तैनात गृहरक्षकों द्वारा आलू लदे वाहन को रोका गया।आरोप है कि ड्यूटी पर मौजूद गृहरक्षकों ने वाहन चालक से जबरन आलू की मांग की और उसे आगे बढ़ने से रोकते हुए दबाव बनाया। चालक द्वारा पूरी घटना का वीडियो बनाकर आगे बढ़ने का प्रयास किया गया, तो गृहरक्षकों ने उसके साथ धक्का-मुक्की की।
उक्त वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे प्रशासन की किरकिरी हुई। प्रसारित वीडियो के बाद पुलिस निरीक्षक अंचल द्वारा रजौली थाना अंतर्गत चितरकोली पोस्ट पर जाकर मामले की विस्तृत जांच की गई। जांच के क्रम में यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुआ, कि घटना में शामिल सभी गृहरक्षक दोषी हैं और उन्होंने अपने कर्तव्यों का समुचित निर्वहन नहीं किया। जांच रिपोर्ट में उनके आचरण को अनुशासनहीन, अमर्यादित और नियमों के प्रतिकूल बताया गया।
जांच में दोषी पाए गए गृहरक्षकों में शीतल कुमार, ईश्वरी प्रसाद, जवाहर प्रसाद, कन्हैया कुमार, अतीश कुमार, रघुनंदन प्रसाद, महेश कुमार, रणधीर कुमार, सुधीर कुमार, श्री यादव एवं मनोज कुमार शामिल हैं। सभी के विरुद्ध सख्त अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई थी। जांच प्रतिवेदन और तथ्यों के आधार पर जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश ने बिहार गृहरक्षक नियमावली के तहत सभी 11 गृहरक्षकों को निलंबित करते हुए अगले आदेश तक कर्तव्य से वंचित कर दिया है।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है, कि कर्तव्य में लापरवाही, अवैध वसूली या आम नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर बालू माफिया से थानाध्यक्ष द्वारा राशि की मांग से संबंधित वायरल वीडियो मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से प्रशासन की किरकीरी हो रही है। थानाध्यक्ष तो दूर उनके निजी चालक उपेन्द्र भी अबतक थाने में जमा है। आरोप है कि वह अब भी थानाध्यक्ष के लिए वसूली का कार्य बेख़ौफ़ कर रहा है।
भईया जी की रिपोर्ट