पटना/शिमला : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी वर्ष के अवसर पर शिमला शिमला के तिलक नगर सांगटी बस्ती में हिन्दू सम्मेलन समिति की ओर से एक भब्य हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में संस्कार,संस्कृति,नशा मुक्त युवा पीढ़ी,पर्यावरण एवं सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का संदेश देना था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अवकाशप्राप्त एसडीओ मनसा राम ने की तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में रामकृष्ण मिशन आश्रम, शिमला के सह सचिव स्वामी रामरूपानंदजी महाराज उपस्थित रहे और विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वरोजगार चलाने वाली श्रीमती निर्मला, शिमला रेडक्रॉस के सचिव डॉ० संजीव कुमार तथा वाल्मीकि सभा सांगटी के सदस्य व प्रसिद्ध समाज सेवी वीरेंद्र मट्टू रहे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रान्त कार्यकरिणी सदस्य महीधर प्रसाद रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं वन्दना से हुआ।इसके पश्चात अतिथियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया।कार्यक्रम का प्रारंभ सोमदत्त के देशभक्ति गीत के गायन से हुआ।अपने अध्यक्षीय भाषण में मनसा राम ने क्षेत्रवासियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक सोच और एकता का संदेश जाता है।
विशिष्ट अतिथि डॉ० संजीव कुमार ने अपने संदेश में हिंदु सम्मेलन की आवश्यकता क्यों है,पर विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास और स्थापना की जानकारी देते हुए उसके द्वारा चलाए गए सामाजिक कार्यों और सेवा गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दीपक मट्टू ने युवाओं पर नशे के बढते दुष्प्रभाव के विषय में अपनी चिंता व्यक्त की एवं इसके निदान हेतु समाज के संयुक्त प्रयत्न करने पर बल दिया।मुख्य अतिथि स्वामी रामरूपानंदजी महाराज ने भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा और सनातन संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है,जो विश्व का मार्गदर्शन करने वाली है।
विशिष्ट अतिथि और स्वरोजगार को बढावा देने वाली श्रीमती निर्मला ने महिला सशक्तिकरण और समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे।उन्होंने रामायण की शिक्षाओं को अनुकरण करने व अपने जीवन में अपनाने के बारे में बताया।मुख्य वक्ता महीधर प्रसाद ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर होने वाले कार्यकर्मों ओैर उसके बाद समाज के सहयोग से चलने वाले पंच परिवर्तन अभियान पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्वदेशी को अपनाना, नागरिक कर्तव्य और कुटुंब प्रबोधन जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।
स्वच्छ पर्यावरण, एक पानी-एक श्मशान-एक पूजा स्थल, स्व भाषा-स्व भूषा-स्व भोजन-स्व भजन-स्व भ्रमण के बोध के साथ ही उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे ड्रग व नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रहें और राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम् के सामूहिक गायन के साथ हुआ।इस अवसर पर स्थानीय महिला मंगल दल के सदस्यों ने भजन-कीर्तन और हिमाचल प्रदेश विवि के छात्रों हिमांशु,ऋतिक राणावत और अविनाश के देशभक्ति गीतों ने कार्यक्रम में देशभक्तिमय का वातावरण उत्पन्न कर दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण भी किया गया। आयोजन में सांगटी बस्ती और आसपास के क्षेत्रों से करीब 200 नागरिक सज्जन उपस्थित रहे।उपस्थित सभी नागरिक वृंद ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए हिंदू सम्मेलन समिति सांगटी की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट