लैंड फॉर जॉब केस में आज सोमवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई। आरजेडी सुप्रीमो लालू, रबड़ी, तेजस्वी समेत इस मामले में आरोपित परिवार के अन्य सदस्यों को इस तरह राहत देते हुए अदालत ने सीबीआई को सभी आरोपियों की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इसके लिए कोर्ट द्वारा जांच एजेंसी को दो दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है। अदालत ने कहा कि अब इस मामले में दो दिन बाद 10 दिसंबर को सुनवाई होगी। इससे पहले चार दिसंबर को दिल्ली की राउस एवेन्यू अदालत ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों से जुड़े जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में आरोप तय करने संबंधी अपना फैसला टाल दिया था। विशेष सीबीआई न्यायाधीश विशाल गोगने ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह मामले के आरोपियों की स्थिति की पुष्टि करने के बाद एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। मामले में 103 आरोपियों में से चार की मौत हो चुकी है।
लैंड फॉर जॉब केस की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि रेलवे में नौकरी के बदले बड़ी मात्रा में जमीन ली गई और ज्यादातर लेनदेन कैश में किया गया। आरोप है कि यह प्रक्रिया योजनाबद्ध भ्रष्टाचार का हिस्सा थी। अदालत ने सीबीआई से कहा था कि कई आरोपी अब जीवित नहीं हैं, इसलिए यह साफ होना जरूरी है कि किस आरोपी की क्या स्थिति है। कौन जीवित है, कौन नहीं, किसकी क्या भूमिका है और किनके खिलाफ आगे कार्रवाई संभव है। इसी जानकारी के लिए कोर्ट ने विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। इसी सिलसिले में सीबीआई ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा और अब कोर्ट ने उसे दो अतिरिक्त दिनों का समय दिया है।
रेलवे की ग्रुप डी की बहाली में भ्रष्टाचार का यह मामला तब का है जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। इस मामले में अभियोजन पक्ष का आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य मंडल में ग्रुप-डी श्रेणी की नियुक्तियां की गईं और इसके बदले नियुक्ति पाने वाले लोगों ने आरजेडी प्रमुख के परिवार या उनके सहयोगियों को भूखंड उपहार में दिए या हस्तांतरित किए थे। सीबीआई ने जांच के दौरान मामले को सही पाया और दावा किया कि ये नियुक्तियां नियमों का उल्लंघन करते हुए की गईं थी।