नवादा : डीएम साहब? बिहार विधानसभा चुनाव समाप्त हो गया है। अब जिले के विभिन्न विभागों में फैले भ्रष्टाचार को दूर किये जाने की आवश्यकता आ पड़ी है। आपसे जिले की जनता को काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में अब ध्यान ही नहीं कार्रवाई की आवश्यकता है। जी हां! फिलहाल हम बात कर रहे हैं नरहट वाल विकास विभाग की। यहां एक कहावत:- सैंया भए कोतवाल, फिर डर काहे का?
कहावत चरितार्थ हो रही है। जिस पंचायत में महिला पर्यवेक्षिका को निरीक्षण का जिम्मा सौंपा गया है उसी पंचायत में उनका घर ( ससुराल) है। खुद तो नियमित निरीक्षी पर्यवेक्षिका हैं और उनकी देवरानी आंगनबाड़ी सेविका। पालि खुर्द गांव में तीन अन्य आंगनबाड़ी केंद्र चलता है। ऐसी स्थिति में परिजनों तथा ग्राम वासियों और पङोसियों पर ममता तो टपकेगा ही? निरीक्षण कोरम मात्र रह गया है।
मजे की बात है कि सभी कार्य घर बैठे हो जाता है । इतना ही नहीं एक और पंचायत जमुआरा है जहां नियमित जांच की जिम्मेवारी इन्हीं के पास है। यह पंचायत भी उनके पंचायत के पड़ोस में है। उस पंचायत के लोगों से इनके मधुर व पुराने संबंध है। ऐसी स्थिति में दोनों पंचायतों का निरीक्षण कितना बेहतर होता होगा वह तो स्वयं आंकलन तथा कल्पना करने की चीज है।
पर्यवेक्षिका गीता कुमारी बाल विकास परियोजना कार्यालय नरहट में वर्षों से पदस्थापित है जो चिन्हित दो पंचायतों पाली पंचायत तथा जमुआरा पंचायत में निरीक्षी पर्यवेक्षिका बनाई गई है । इनका अपना घर पाली पंचायत अंतर्गत छोटी पाली गांव में है । अपने ही गांव तथा पंचायत में निरीक्षण का जिम्मा मिलने के बाद पूरे प्रखंड में चर्चा विषय बना हुआ है। ऐसे में जांच के साथ कार्रवाई की आवश्यकता है।
भईया जी की रिपोर्ट