आंध्र प्रदेश में आज तड़के सुरक्षाबलों ने देश के सबसे बड़े नक्सली कमांडर हिडमा को मार गिराया। यह सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है। कुख्यात माओवादी कमांडर माडवी हिडमा को सुरक्षाबलों ने आंध्र प्रदेश के ASR जिले के मारेदुमिल्ली के जंगलों में एक अभियान के दौरान घेर लिया। वहां माओवादियों और जवानों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई जिस दौरान हिडमा के साथ 5 अन्य नक्सली मार गिराए गए। मरने वालों में हिडमा की नक्सल पत्नी भी शामिल है। हिडमा वही दहशत का नाम है जिस पर देश के कई राज्यों में कम से कम 26 बड़े नक्सल हमलों का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। हिडमा 2013 के दरभा घाटी नरसंहार और 2017 के सुकमा हमले का जिम्मेदार था।
बताया गया कि आंध्र प्रदेश पुलिस ने नक्सल सफाए के एक अभियान में दौरान माडवी हिडमा और 5 अन्य माओवादियों को अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिले के मारेदुमिल्ली में घेर लिया। इसी के बाद नक्सलियों ने सुबह 6 से 7 बजे के बीच जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी जिस दौरान सभी 6 नक्सली मारे गए। छत्तीसगढ़ के सुकमा के पुवर्ती इलाके में हिडमा का जन्म हुआ वह PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख बन गया। वह सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य रहा। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई इस मुठभेड़ में हिडमा के साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे उर्फ राजक्का भी मारी गई है।
हिडमा उर्फ संतोष माओवादियों की सबसे घातक इकाई PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था। उस पर सरकार ने 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। हिडमा ने ही 2010 में दंतेवाड़ा हमले को अंजाम दिया था जिसमें 76 CRPF जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद उसने 2013 में झीरम घाटी नरसंहार में 27 लोगों को मार डाला था जिनमें कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल थे। 2021 में उसने सुकमा–बीजापुर हमला किया जिसमें 22 जवान शहीद हो गए थे। हिड़मा की मौत को सुरक्षा एजेंसियां बस्तर में माओवादी नेटवर्क पर अब तक की सबसे बड़ी सफलता मान रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिडमा के मारे जाने पर सुरक्षाबलों को बधाई संदेश भेजा है। मुठभेड़ वाले इलाके में सुरक्षाबल इस समय व्यापक तलाशी अभियान चला रहे हैं।