नवादा : जिले में डीएम व डीडीसी की मिलीभगत से मनरेगा में जमकर लूट हो रही है। यही कारण है कि प्रमाण के साथ दर्जनों बार खबरें प्रकाशित होने के बावजूद कार्रवाई तो दूर एक भी मामले की जांच तक कराना अधिकारियों ने मुनासिब तक नहीं समझा। इसके पांच दिन पूर्व वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा में नियम के विरुद्ध चार करोड़ रुपए के भुगतान किया गया लेकिन आवेदन के बावजूद डीएम द्वारा अबतक कार्रवाई तो दूर जांच तक आरंभ नहीं की जा सकी है जो भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है।
अब जो एक नया मामला है वह है अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र सकरपुरा पंचायत मारुफपुर गांव का है। वहां आंगनबाड़ी केंद्र कोड संख्या 4 की सेविका विन्दू कुमारी पति जितेन्द्र कुमार कार्यरत हैं। आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय भी प्राप्त कर रही है। लेकिन आश्चर्य तो यह कि मनरेगा में मजदूरी कर मजदूरी भुगतान भी प्राप्त कर रही है। वर्ष 24-25 में भी मध्य बिहार ग्रामीण बैंक से मानदेय का भुगतान लिया और मनरेगा जाब कार्ड संख्या -08-002-002- ,04301210/2458 के माध्यम से पंजाब नेशनल बैंक से मजदूरी का भुगतान प्राप्त किया जो एक गंभीर फर्जीवाड़ा है।
जाहिर है सारा खेल पीओ व पीआरएस के साथ मुखिया की मिलीभगत से हो रहा है। सारा दस्तावेज इंटरनेट पर लोड रहने के कारण कोई इसे झूठला नहीं सकता बावजूद लूट का बाजार गर्म है।जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने मनरेगा लोकपाल व डीएम को आवेदन देकर मामले की जांच के साथ ही संबंधित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की है।
भईया जी की रिपोर्ट