पटना: भारतीय सिनेमा के इतिहास में महान संगीतकार एवं गीतकार चित्रगुप्त ऐसे कालजयी हस्ताक्षर हैं जिन्हें समाज और इंडस्ट्री ने उतना सम्मान नहीं दिया जिसके वह अधिकारी हैं। 45 वर्षों के अपने लंबे संगीत करियर में उन्होंने 147 हिंदी फिल्में, 27 भोजपुरी, एक पंजाबी और दो गुजराती फिल्मों के लिए संगीत दिया। इससे उनके विस्तृत क्षितिज का प्रमाण मिलता है। आश्चर्य होता है कि इतने महान संगीतकार को आजतक पद्म पुरस्कार अथवा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार नहीं मिला। बिहार सरकार को इसके लिए जरूरी पहल करनी चाहिए ताकि भारत सरकार द्वारा बिहार के इस लाल को मरणोपरांत पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जाए।
उक्त बातें रविवार को पटना संग्रहालय सभागार में प्रसिद्ध फिल्म इतिहासकार प्रो. (डॉ.) नरेंद्र नाथ पांडेय ने कहीं। सिने सोसाइटी पटना और बिहार म्यूजियम के संयुक्त तत्वावधान में चित्रगुप्त जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम ‘कलावंत चित्रगुप्त’ के अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चित्रगुप्त का संगीत जितना मधुर था, उतना ही मधुर उनका स्वभाव भी था। अपने जीवन में उन्हें कभी किसी ने किसी का शिकायत करते हुए अथवा कटु बोलते हुए नहीं सुना। वे प्रेम से लबालब भरे संगीतज्ञ थे, जिन्होंने फिल्मों की रंगीन दुनिया में रहते हुए भी अपने मूल्यों को नहीं छोड़ा। अपने काम से थोड़ी सी फुर्सत मिलने पर वे अपने परिवार को समय देते थे। परिवार संस्था का सम्मान करना चित्रगुप्त जी से सीखना चाहिए।
प्रो. पांडेय ने कहा कि चित्रगुप्त एक उच्च शिक्षा प्राप्त फनकार थे, जिन्होंने अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया था। पटना विश्वविद्यालय में लेक्चरर की नौकरी छोड़कर वे संगीत के पथ पर बढ़ चले थे और संगीत की एक नई राह तैयार की।
सिने सोसाइटी पटना के अध्यक्ष आरएन दास ने आगत अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने सोसाइटी के स्वर्णिम इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार जैसे स्थान में सिनेमा से जुड़ी एक संस्था विगत 50 वर्षों से अनवरत सक्रिय है, यह अपने आप में हमारे लिए गर्व की बात है।

इससे पूर्व सिने सोसाइटी पटना के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जय देव ने सिने सोसाइटी के स्वर्ण जयंती वर्ष के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1976 में स्थापित सिने सोसाइटी पटना की स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है और इसके निमित्त शहर में कई प्रकार के कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। आज चित्रगुप्त जयंती पर यह कार्यक्रम इस कड़ी का हिस्सा है। आने वाले समय में भी सोसाइटी द्वारा इस वर्ष सिनेमा से जुड़े विभिन्न प्रकार के सिनेमाई कार्यक्रमों का आयोजन और फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
इस अवसर पर संगीतकार चित्रगुप्त के प्रतिनिधित्व वाले लगभग आधा दर्जन गानों का प्रदर्शन हुआ। मंच संचालन सोसाइटी के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. कुमार विमलेंदु सिंह ने किया। मुख्य वक्ता का परिचय सिने सोसाइटी, पटना के सह सचिव प्रशांत रंजन ने दिया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, राजीव कुमार, डॉ. नीरज कृष्ण, रविकांत सिंह, डॉ. शिवदयाल, कृष्ण समिद्ध, संजय सिन्हा, संजीव कुमार जैसे सिनेमा, कला, शिक्षा और साहित्य जगत के कई गणमान्य उपस्थित थे।