नवादा : प्रख्यात दिगम्बर जैन संत आचार्य श्री विपुल सागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री भद्रबाहु सागर जी महाराज का जिला मुख्यालय स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर में मंगल आगमन हुआ। मुनि श्री भद्रबाहु सागर जी महाराज का संघ पदयात्रा करते हुए श्री राजगृह, कुंडलपुर एवं पावापुरी होते हुए जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के प्रथम शिष्य श्री गौतम गणधर स्वामी की निर्वाण भूमि नवादा स्थित श्री गुणावां जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पर मंगल आगमन हुआ था।
मुनि संघ में क्षुल्लक श्री यतन कीर्ति जी महाराज शामिल थे। सिद्ध क्षेत्र पर तीन दिन के मंगल प्रवास के बाद मुनि संघ का गुणावां क्षेत्र से नवादा जिला मुख्यालय स्थित दिगम्बर जैन मंदिर के लिए मंगल विहार हुआ। इस दौरान पदयात्रा में जैन समाज के प्रतिनिधि दीपक जैन, अभय जैन, उदय जैन, रौशन जैन, चंदा जैन एवं लक्की जैन सहित अन्य श्रद्धालु शामिल थे। दिगम्बर जैन मंदिर पहुंचने पर संघ संचालिका छाया जैन के साथ ही स्थानीय जैन समाज की सुनीता बड़जात्या, निर्भय जैन आदि ने मुनि संघ की अगवानी की।
मुनि श्री ने किया प्राचीन जल मंदिर का दर्शन
गुणावां से नवादा के लिए मंगल विहार करने से पूर्व संघ सहित मुनि श्री भद्रबाहु सागर जी महाराज ने गुणावां स्थित श्री गौतम गणधर स्वामी की कैवल्य ज्ञान भूमि प्राचीन जल मंदिर में दिगम्बर आम्नाय के अनुसार पद्मासन मुद्रा में प्रतिष्ठित भगवान महावीर की प्रतिमा सहित वहां प्रतिष्ठित अन्य श्वेताम्बर आम्नाय की प्रतिमाओं का दर्शन किया एवं वहां संचालित मंदिर जीर्णोद्धार कार्य का अवलोकन किया। इस दौरान दिगम्बर जैन अनुनायियों के साथ ही जल मंदिर प्रबंधन से जुड़े प्रबंधक कोठारी जी एवं उप प्रबंधक कैलाश उपाध्याय सक्रिय रूप से उपस्थित थे।
16 नवंबर को नवादा से होगा मंगल विहार
संघ संचालिका छाया जैन ने बताया कि चार दिनों तक नवादा दिगम्बर जैन मंदिर में मंगल प्रवास के बाद मुनि संघ का जत्था आगामी 16 नवंबर को झारखंड स्थित इंटखोरी के लिए प्रस्थान करेगा, जहां मुनि श्री के सान्निध्य में पंच कल्याणक महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित होना सुनिश्चित है।
गुणावां सिद्ध क्षेत्र की कुव्यवस्था पर जताया असंतोष
श्री गुणावां जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पर तीन दिनों तक मंगल प्रवास के दौरान क्षेत्र की कुव्यवस्था मुनि संघ को रास नहीं आई। इस संदर्भ में मुनि श्री ने खुल कर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन दबी जुबान में उन्होंने अव्यस्थित पूजन-प्रक्षाल से लेकर मूलभूत सुविधाओं के अभाव तक के प्रति गहरा असंतोष जाहिर करते हुए क्षेत्र की व्यवस्था को भगवान भरोसे बताया।
भईया जी की रिपोर्ट