नवादा : जिले के रजौली विधानसभा क्षेत्र के सिरदला प्रखंड क्षेत्र के अति उग्रवाद प्रभावित मढ़ी, कलौंदा, मोहनरिया, झरही, नावाडीह और पीलवा गांव के ग्रामीणों ने इस बार मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा की है। ग्रामीणों ने छोटे-छोटे तख्तियों पर लिखा — “सड़क नहीं तो वोट नहीं, पुल नहीं तो वोट नहीं” और गांव में जगह-जगह प्रदर्शन किया।
ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के 75 साल बाद भी उनके गांव तक पक्की सड़क नहीं पहुंच सकी है। बरसात के दिनों में हालात और विकराल हो जाता हैं—गांव चारों ओर से पहाड़ और नदी से घिरा है,जिससे आवागमन बेहद कठिन हो जाता है। सड़क और पुल के अभाव में कई बार गर्भवती महिलाएं,बीमार बच्चे और बुजुर्गों की जान जा चुकी है। मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं है,लोग बात करने के लिए पहाड़ पर चढ़ते हैं। अधिकांश आबादी महादलित और आदिवासी समुदाय की है,जो शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से अब भी वंचित हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि सैकड़ों बार सरकार और प्रशासन को अपनी मांगें बता चुके हैं, लेकिन नतीजा शून्य रहा। चुनाव के वक्त नेता और अधिकारी आते हैं, वादे करते हैं और चले जाते हैं। इस बार उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि जब तक सड़क निर्माण का पक्का भरोसा नहीं मिलेगा, तब तक बूथ संख्या 130 पर एक भी मतदाता मतदान नहीं करेगा। इस बावत प्रखंड विकास पदाधिकारी दीपेश कुमार ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या की जानकारी जिला पदाधिकारी को दे दी गई है।
अंचल अधिकारी भोला ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए वन विभाग की जमीन की जरूरत है,जिसके लिए बातचीत जारी है। वन विभाग ने शर्त रखी है कि जितनी भूमि सड़क के लिए दी जाएगी, उतनी ही भूमि उन्हें सरकार से वापस चाहिए। जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर रास्ता साफ करने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण महिलाओं सीमा देवी, धनेश्वरी देवी, रूबी देवी, आशा देवी, क्रांति देवी, मंजू देवी, रंजू देवी सहित पुरुष ग्रामीण मनोज सिंह, संतोष सिंह, ब्रह्मदेव सिंह ने कहा कि जब तक सड़क और पुल नहीं बनेगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
भईया जी की रिपोर्ट