नवादा : जिले में मनरेगा में लूट का सिलसिला सुरसा की मुंह की तरह लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसा इसलिए कि खबरें भले ही प्रमाण के साथ प्रकाशित होती रहे, अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। फिर लूट सके सो लूट की तर्ज पर जिसको जहां बन पड़ रहा है लूटने में लगा है।
ताज़ा मामला वारिसलीगंज प्रखंड का है जहां विभागीय पदाधिकारी के आदेश का अवहेलना कर चार करोड़ रुपए की बंदरबांट कर ली गयी। आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने उक्त मामले को ले CPGRAM के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग, भारत सरकार से जांच की मांग कर सबों को चौंकाया है।
बताया जाता है कि मनरेगा आयुक्त ने 26/08/25 को पत्रांक 1225 जारी कर वर्ष 24-25 के लम्बित राशि का भुगतान करने का आदेश निर्गत किया था। उक्त आदेश की अवहेलना करते हुए PO वारिसलीगंज मनरेगा ने संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से वर्ष 23-24 की पंचायत समिति चकवाय को दिनांक 04/09/25 को 13 लाख ग्यारह हजार रुपए व मंजौर पंसमिति को 09/09/25 को 26 लाख 03 हजार रुपए समेत कुल 04 करोड़ रुपए की निकासी करा ली।
मामले को आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने काफी गंभीरता से लिया तथा ग्रामीण विकास विभाग भारत सरकार से मामले की जांच कर दोषी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई की मांग कर दी। आवेदन के आलोक में भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने उप विकास आयुक्त को संबंधित मामले की जांच कर सूचना आवेदक समेत भारत सरकार ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्ध कराने का आदेश निर्गत किया है। इससे संबंधित सूचना आरटीआई कार्यकर्ता को उपलब्ध कराई गई है।
बता दें इसके पूर्व आरटीआई की सूचना उपलब्ध कराने के एवज में एक वर्ष पूर्व दस्तावेज के नाम पर 16 हजार रुपए जमा कराए जाने के बावजूद अबतक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराई गई है। और तो और राशि की बंदरबांट कर पीओ ने अपना स्थानांतरण औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड करा लिया ताकि मामले पर आसानी से पर्दा डाला जा सके।
भईया जी की रिपोर्ट