भोजपुरी के पॉवर स्टार पवन सिंह एमएलए नहीं बनना चाहते। वे सीधे सांसद बनना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने इस चुनाव में विधायकी के लिए चुनाव मैदान में उतरने से इनकार कर दिया। बिहार की सियासत में भोजपुर भाषी करीब 22 सीटों पर अपना खासा असर और रसूख रखने वाले पवन सिंह के सियासी गुणा—गणित का यह खुलासा भाजपा सांसद और गायक अभिनेता मनोज तिवारी ने किया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पवन सिंह के असेंबली इलेक्शन न लड़ने के फैसले ने कई तरह की अटकलों को जन्म दे दिया जिसके बाद अब भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने पवन सिंह को लेकर यह बात कही। उन्होंने साफ कहा कि पवन सिंह विधायक नहीं, बल्कि सांसद बनने की इच्छा रखते हैं।
मीडिया से बातचीत में मनोज तिवारी ने कहा कि पवन सिंह सांसद बनना चाहते हैं। भविष्य में भाजपा उन्हें सही समय और सही जगह से चुनाव लड़वाएगी। तिवारी ने यह भी बताया कि 2024 लोकसभा चुनाव में पवन सिंह को आसनसोल सीट से टिकट दिलाने में उनकी भूमिका रही थी। हालांकि पवन सिंह ने उस समय पार्टी से बगावत करते हुए आसनसोल का टिकट ठुकरा दिया था और बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा। लेकिन उस समय उन्हें हार का सामना करना पड़ा और भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया। अब विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की पहल पर ही विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पवन सिंह और आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बीच सुलह हुई। माना जा रहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पवन को मौका नहीं देकर भविष्य के लोकसभा समीकरणों पर ध्यान केंद्रित किया है। इस चुनाव में भाजपा ने अपने 101 उम्मीदवारों को तय कर लिया है। इसमें पवन सिंह का नाम न होना यही संकेत देता है कि पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए तैयार कर रही है। समझा जाता है कि पार्टी के साथ भोजपुरी सुपरस्टार की बड़ी डील हुई है और वे विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए धुआंधार प्रचार भी करेंगे। सूत्रों के अनुसार बीजेपी पवन सिंह को राज्यसभा भेज सकती है या MLC भी बना सकती है। पवन सिंह की लोकप्रियता और जनसंपर्क को देखते हुए फिलहाल भाजपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया है।