बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों में नामांकन करीब—करीब पूरा हो चुका है। लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो सकी है। अभी भी 12—13 ऐसी सीटें हैं जिसपर महागठबंधन के घटक दल आपस में ही आमने—सामने है। महागठबंधन में मची इसी महाभारत के बीच आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत पटना पहुंचे। वे यहां सीट बंटवारे को लेकर महागठबंंधन में डैमेज कंट्रोल करने के लिए आए हैं। अभी उनकी तेजस्वी से मुलाकात चल रही हे। इससे पहले पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा कि इतने बड़े महागठबंधन में 5-10 सीटों पर विवाद कोई बड़ी बात नहीं है। महागठबंधन में चल रही तनातनी पर उन्होंने कहा कि गठबंधन में कोई बड़ा विवाद नहीं है और 1-2 दिन में सभी कन्फ्यूजन खत्म हो जाएंगे।
खबर है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फाइनल फॉर्मूला सामने नहीं आने की वजह से दोनों चरणों को मिलाकर राज्य की 12 विधानसभा सीटों पर घटक दल के ही प्रत्याशी आमने-सामने हो गए हैं। इसे सुलझाने के लिए पटना पहुंचे गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कोई बड़ा विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि, राज्य में 243 सीट हैं और उसमें 5-10 सीटों पर विवाद कोई बड़ी बात नहीं है। जहां भी गठबंधन की सरकार बनती है तो ऐसी स्थिति देखने को मिलती है। एक से दो दिन के अंदर यह सारा कंफ्यूजन खत्म हो जाएगा।
वहीं बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि बिहार में 243 सीटों पर फाइट है और यह फाइट एनडीए के साथ है, जेडीयू के साथ है, बीजेपी के साथ है। उन्होंने आगे कहा कि, यह बिहार की जनता के भविष्य के लिए फाइट है। महागठबंधन एकजुट है और बिहार के लोगों के लिए उनकी समस्याओं के लिए उनके बच्चों के भविष्य के लिए 243 सीटों पर बीजेपी और जेडीयू के साथ लड़ाई है और इसको हम मजबूती से लड़ेंगे। कृष्ण अल्लावरु ने यह भी कहा कि बिहार को महागठबंधन ही बर्बादी से बचाएगा और बिहार के लोगों को भी उम्मीद है कि महागठबंधन की सरकार आएगी और उनका भविष्य बनाएगी।