इस बार के विधानसभा चुनाव में बिहार की एक सीट ऐसी है जो अभी से बिना प्रत्याशियों के ऐलान और उनके नामांकन के पूर्व ही काफी हॉट हो गई। यह सीट है वैशाली जिले की महुआ सीट। इस सीट के हॉट होने का आलम यह है कि जहां अब यहां से चुनाव लड़ने से लालू के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव मना कर रहे हैं, वहीं एनडीए खेमे में भी इसी सीट को लेकर जबर्दस्त लड़ाई छिड़ गई है। खबर है कि तेजप्रताप यादव ने महुआ सीट से अपना नामांकन कैंसिल कर दिया है और अब वे समस्तीपुर जिले की मोहिउद्दीन नगर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। उधर इसी सीट को लेकर एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा नाराज हो गए हैं और वे आज दिल्ली जा रहें हैं। कुशवाहा इस सीट से अपने पुत्र को उतारना चाह रहे थे, जबकि एनडीए में यह सीट चिराग पासवान को दे दिया गया है।
दरअसल महुआ सीट आरजेडी का पुराना गढ़ रहा है, जहां से तेज प्रताप 2015 में पहली बार विधायक बने थे। लेकिन इस बार समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। महुआ सीट एनडीए में चिराग पासवान के खाते में गई है, जिससे इस क्षेत्र में आरजेडी का दावा कमजोर पड़ गया है। उधर उपेंद्र कुशवाहा भी अभी तक इस सीट पर अपना दावा कर रहे हैं। कहा जा रहा कि महुआ सीट ही एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी भी बड़ी वजह बनी है। इस मुद्दे को लेकर वे आज दिल्ली जा रहे हैं जहां एनडीए के शीर्ष नेतृत्व से बात कर मामला सुलझायेंगे। बताया जा रहा है कि कुशवाहा महुआ सीट किसी भी कीमत पर चाहते हैं, क्योंकि वे अपने बेटे को यहां से उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। इसी कारण वे दिल्ली जाकर पार्टी नेतृत्व से बातचीत करने जा रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कुशवाहा और चिराग का यही दबाव महुआ सीट से तेजप्रताप यादव के पीछे हटने की मुख्य वजह बना है। अब तेज प्रताप यादव ने मोहिउद्दीन नगर सीट को अपना नया चुनावी मैदान चुना है। यह सीट फिलहाल बीजेपी के पास है और राजेश कुमार सिंह मौजूदा विधायक हैं। पिछली बार आरजेडी इस सीट को हार गई थी। मोहिउद्दीन नगर सीट का जातीय समीकरण भी दिलचस्प है। यहां यादव मतदाता बड़ी संख्या में हैं, उसके बाद राजपूत और कोईरी समुदाय की प्रभावी उपस्थिति है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजप्रताप के लिए यह सीट आसान नहीं होगी, क्योंकि बीजेपी का संगठन यहां मजबूत है और यादव वोटों में बंटवारा भी संभव है।