विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सिवान में नामांकन करने पहुंचे दरौली के विधायक सत्यदेव राम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अचानक विधायक की इस तरह गिरफ्तारी से सिवान समाहरणालय परिसर में अफरातफरी मच गई। बताया गया कि दरौली विधानसभा सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार और वर्तमान विधायक सत्यदेव राम को नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस अप्रत्याशित कार्रवाई से मौके पर मौजूद समर्थक और आम लोग हैरान रह गए। विधायक को गिरफ्तार होता देख उनके समर्थकों ने कुछ देर तक वहां नारेबाजी भी की। माले ने भी इस तरह उसके विधायक पर कार्रवाई को सरकार का दमनकारी रवैया करार दिया। माले के राज्य सचिव कुणाल ने गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह सरकार के इशारे पर किया गया है।
विधायक पर क्या है 20 साल पुराना मामला?
जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 में दरौंदा रेलवे स्टेशन पर बिना अनुमति रेल रोको आंदोलन करने के मामले में रेलवे थाना कांड संख्या 36/2005 दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक सत्यदेव राम को भी आरोपित किया गया था। इसी मामले में सोनपुर रेलवे कोर्ट के एसीजेएम द्वारा विधायक के खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया गया था। इसी वारंट के आधार पर सिवान की नगर थाना पुलिस ने माले विधायक सत्यदेव राम को समाहरणालय परिसर से नामांकन के बाद हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के बाद विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी। वे निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नामांकन करने आए थे। नामांकन के बाद जैसे ही बाहर निकलो, पुलिस ने बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें हिरासत में ले लिया।
उधर सिवान एसपी मनोज तिवारी ने बताया कि सोनपुर रेलवे कोर्ट से जारी स्थायी वारंट की पुष्टि होने के बाद विधायक सत्यदेव राम पर यह कार्रवाई की गई है। विधायक को न्यायिक प्रक्रिया के तहत कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। विधायक की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही सूबे की सियासत गरमा गई। नामांकन प्रक्रिया के दौरान किसी विधायक की गिरफ्तारी की शायद यह पहली घटना है। महागठबंधन और विधायक समर्थकों ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। जबकि प्रशासन इसे न्यायालय के आदेश का अनुपालन बता रहा है। विदित हो कि मौजूदा चुनाव के लिए माले ने बिहार में अब तक अपने 18 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है और इनमें से 6 प्रत्याशी नामांकल दाखिल कर चुके हैं।