महागठबंधन में सीट बंटवारे पर मचे घमासान के बीच कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से बात करने बीते दिन तेजस्वी जब दिल्ली गए थे, तब उनके पिता लालू ने इधर पटना में राजद के कई उम्मीदवारों से सिंबल दे दिया। लेकिन जैसे ही आज सुबह तेजस्वी दिल्ली से वापस लौटे, लालू द्वारा बांटे गए सभी सिंबल अचानक वापस ले लिये गए। इससे महागठबंधन और राजद, दोनों ही में सियासी बवाल उठ खड़ा हुआ। बताया जा रहा कि लालू ने महागठबंधन की सीट शेयरिंग के ऐलान से पहले ही 14 नेताओं को RJD पार्टी सिंबल दे दिया था। सिंबल पाने वालों में भाई वीरेंद्र, रेखा पासवान, डॉ संजीव कुमार और चंद्रशेखर जैसे नेता शामिल थे। लेकिन जैसे ही आज मंगलवार की सुबह तेजस्वी दिल्ली से वापस पटना लौटे, उन्होंने अपने पिता लालू द्वारा बांटे गए सभी सिंबल वापस ले लिये।
बताया जाता है कि कल देर शाम मनेर विधायक भाई वीरेंद्र, परबत्ता से डॉ संजीव, मटिहानी से बोगो सिंह, संदेश से अरुण यादव के बेटे को सिंबल दिया गया था। सिंबल बांटते समय की तस्वीरें भी सामने आई थी। लेकिन इन सब से अब राजद सिंबल वापस ले लिया गया। सिंबल क्यों लौटवाया गया, इसको लेकर नेताओं ने कुछ साफ नहीं कहा। राजद नेता अली अशरफ फातमी ने कहा कि किसी को सिंबल दिया ही नहीं गया है। उन्होंने कहा कि जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर हैं, वह 2020 के चुनाव की हैं या AI जेनरेटेड हैं। लालू जी ने किसी को सिंबल नहीं दिया है। वहीं सिंबल लौटाने पहुंचे मनेर विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मुझे किसी के बारे में फीडबैक देना था इसलिए मैं यहां आया हूं। दूसरी तरफ मटिहानी से पूर्व विधायक बोगो सिंह की भी तस्वीर सामने आई जिन्हें लालू यादव ने राजद सिंबल दिया। खबर है कि वे भी सिंबल लौटाने वापस आए। हालांकि बाहर निकलने के बाद उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हम नेता से मिलने आए थे।
बहरहाल, प्रत्याशियों के बीच आरजेडी सिंबल बांटने के बाद भी क्यों वापस हुए, इसको लेकर तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। लेकिन आज मंगलवार को भी राबड़ी आवास के बाहर राजद नेताओं—कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ लगी हुई है जिनके बीच इस घटना को लेकर तरह—तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कार्यकर्ता आपस में कांग्रेस से गठबंधन टूटने और नए गठबंधन बनाने की बात भी कर रहे थे। बताया जाता है कि राबड़ी आवास पर बीती रातभर से ही काफी हलचल है। जानकारी के अनुसार रात करीब ढाई बजे राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव राबड़ी आवास से बाहर निकले। उनके साथ गाड़ी में पशुपति पारस के भतीजे पूर्व सांसद प्रिंस पासवान भी मौजूद थे। यह भी खबर है कि पारस और उनके भतीजे प्रिंस पासवान अपनी पार्टी का विलय राजद में करने से इनकार के बावजूद संजय यादव के साथ गाड़ी में मौजूद थे। इसको लेकर भी चर्चा कि संभवत: कांग्रेस के अड़ियल रुख को देखते हुए राजद नया गठबंधन खड़ा करने पर काम कर रहा है।