बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच आज शुक्रवार को भोजपुरी स्टार और बीजेपी नेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर से मुलाकात की। इसके बाद उनके जनसुराज में शामिल होने और पार्टी के टिकट पर शाहाबाद के किसी सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें चल पड़ीं। हालांकि प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद ज्योति सिंह ने कहा कि वह टिकट नहीं मांग रहीं, बल्कि महिलाओं के हक और सम्मान की आवाज बनने आई हैं। ज्योति सिंह ने कहा कि उन्होंने पीके से अपने साथ हुए “अन्याय” के खिलाफ समर्थन की उम्मीद में मुलाकात की है। बकौल ज्योति, ‘चुनाव या टिकट की कोई बात नहीं हुई। मैं बस अपनी बात रखने आई थी’।
वहीं जनसुराज संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी स्पष्ट किया कि जनसुराज परिवारिक विवादों में नहीं पड़ेगा। लेकिन जहां अन्याय हुआ है, वहां आवाज़ ज़रूर उठाएगा। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार इस मुलाकात के सियासी मायने भले ही दोनों पक्षों ने नकारे हों, मगर बिहार की राजनीति में इसे लेकर चर्चाओं का दौर रुकने वाला नहीं है। गौरतलब है कि हाल के महीनों में ज्योति सिंह और पवन सिंह के रिश्ते लगातार विवादों में रहे हैं। हाल ही में लखनऊ में पवन सिंह के आवास पर जमकर हंगामा देखने को मिला था जिसके बाद पवन सिंह को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई देनी पड़ी थी।
विदित हो कि भोजपुरी सिनेमा के पॉवर स्टार पवन सिंह ने हाल ही में बीजेपी में दोबारा वापसी की है और उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा भी तेज़ है। वहीं, उनकी पत्नी ज्योति सिंह के भी चुनाव मैदान में उतरने की अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसे में पीके से उनकी मुलाकात ने सियासी गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है, भले ही दोनों ने इसे गैर-राजनीतिक करार दिया हो। ज्योति सिंह से मुलाकात से पहले मीडिया ने प्रशांत किशोर से पूछा भी था कि ज्योति सिंह आपसे मिलने आ रही हैं। क्या आप उन्हें शाहाबाद की किसी सीट से चुनाव लड़ायेंगेे। इसपर पीके ने साफ कहा कि जनसुराज ऐसे काम नहीं करती। आरा से हमारा कैंडिडेट पहले ही फाइनल है। सभी सीटों पर हमलोग प्रत्याशाी तय करने से काफी पहले से चर्चा करते हैं और फिर सभी से बात कर ही प्रत्याशी तय करते हैं।