बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फेज के लिए नामांकन आज शुक्रवार से शुरू हो गया है। बिहार में इस समय सियासी हलचल चरम पर है। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और टिकट वितरण को लेकर चल रही अंदरूनी खींचतान के बीच बीते दिन की रात राबड़ी आवास के बाहर एक चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला। दरअसल वारिसलीगंज के बाहुबली नेता अशोक महतो राजद टिकट की दावेदारी लेकर राबड़ी आवास पहुंचे थे। लेकिन उन्हें अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। अशोक महतो खुद के लिए आरजेडी टिकट और विधानसभा चुनाव में अपनी सक्रिय भूमिका को लेकर तेजस्वी यादव से मुलाकात करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने राबड़ी आवास का रुख किया, लेकिन गार्ड ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। वहां काफी देर तक अंदर से बुलावे का इंतजार करने के बाद आखिरकार अशोक महतो वापस लौट गए।
वारिसलीगंज से चुनाव लड़ना चाह रहे अशोक महतो
अशोक महतो का पैतृक गांव वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के पकरीबरावां प्रखंड का बढ़ौना गांव है। इस क्षेत्र से वह इस बार विधानसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते थे। उनके राबड़ी आवास जाने का मकसद भी यही था कि तेजस्वी यादव से सीधे बात कर सीट की दावेदारी पेश की जा सके। लेकिन गेट पर रोक देने के कारण उनका यह प्रयास नाकाम रहा। अब इस वाकये यह साफ हो गया है कि इस विधानसभा चुनाव में अशोक महतो को राजद टिकट नहीं मिलेगा। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि महागठबंधन में टिकट वितरण और सीट बंटवारे को लेकर अभी तक असंतोष और असमंजस है। सीट शेयरिंग पूरी नहीं हो पाई है। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में राजद ने अशोक महतो की पत्नी को मुंगेर से टिकट दिया था लेकिन वे हार गईं थी। अशोक महतो का राजनीतिक सफर हमेशा से विवादों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से भरा रहा है। उनके राजनीतिक जीवन में कई घटनाएं ऐसी रही हैं, जो उन्हें बिहार के विवादित नेताओं की गिनती में लाती हैं।
जेल ब्रेक कांड में हुई थी 17 साल की सजा
1990 के दशक में नवादा, शेखपुरा, लखीसराय और नालंदा जिलों में उनके राजनीतिक और अपराध संबंधी प्रभाव के कई मामले सामने आए। एक दौर था जब अशोक महतो ने बिहार के भूमिहारों के खिलाफ खुली लड़ाई छेड़ दी थी। साल 2001 में नवादा जेल ब्रेक कांड में अशोक महतो को 17 साल की सजा हुई थी। जेल से रिहाई के बाद उन्होंने राजनीतिक मैदान में सक्रिय भूमिका निभाना शुरू किया। उनकी पत्नी कुमारी अनिता देवी 2024 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी की उम्मीदवार रही हैं, लेकिन चुनाव में जीत नहीं पाई थीं। अशोक महतो ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अनीता देवी से शादी की थी।