नवादा : जिले में साइबर अपराधियों का जाल में लगातार इजाफा होता जा रहा है। जिले के आम से लेकर खास तक अपराधियों के निशाने पर हैं। छोटी सी चूक, लोभ-लालच अथवा मायाजाल में फंसकर लोग पल भर में लाखों रुपये गवां रहे हैं। पुलिस व साइबर पुलिस द्वारा सोशल मीडिया व प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से चलाये जा रहे जागरूकता अभियान का लोगों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
एसबीआई योनो, आरटीओ चालान, पीएम आवास योजना, पीएम किसान योजना, इलेक्ट्रिसिटी बिल अपडेट, बेस, स्कॉलरशीप आदि के एपीके फाइल अथवा अन्य पीडीएफ फाइल भेजकर अपराधी लोगों का मोबाइल हैक कर फोन का डेटा चुराकर बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं। मैंने हाल ही में एपीके फाइल भेजकर फोन हैक कर रहे साइबर अपराधी नामक शीर्षक से खबर का प्रकाशन कर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की। परंतु लोग अभी भी अपराधियों के जाल में फंस कर अपनी गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में कम से पांच ठगी की बड़ी घटनाएं दर्ज की गयी। जिसमें 20 लाख से अधिक की राशि लोग गवां बैठे।
300 फीसदी प्रॉफिट के जाल में फंसा पुलिसकर्मी साइबर अपराधियों के जाल में
आम लोग तो फंस ही रहे हैं, खास भी इनके शिकार हो रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में अपराधियों ने हाल ही में पुलिस लाइन के एक कर्मी को अपने जाल में फंसाया और उसकी गाढ़ी कमाई के 13.53 लाख रुपये हड़प लिये। अपराधियों ने कुंदन को इन्वेस्टमेंट के एवज में 300 फीसदी तक प्रॉफिट का लालच देकर अपने जाल में फंसा लिया। अपराधियों ने उसे रिक्स एंड रिवार्ड-203 नामक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा। ग्रुप पर 10 से 300 फीसदी प्रॉफिट दिखाया जा रहा था। इस बीच ग्रुप एडमिन ने 04 जुलाई 2025 को उसे इंस्टीच्यूशनल एकाउंट बनाने के लिए इन्वेस्टमेंट के नाम पर उसका पैनकार्ड डिटेल ले लिया और विभिन्न बैंक खातों में उससे रुपये इन्वेस्ट करा लिया।
28 जुलाई से 18 सितम्बर 2025 तक उससे 13 लाख 53 हजार 161 रुपये इन्वेस्ट करा लिये गये। अकाउंट में 65 लाख रुपये रिटर्न शो कर रहा था। इस बीच उसने रुपये निकालने की कोशिश की। परंतु तब तक वाट्सएप ग्रुप ब्लॉक कर दिया गया। तब उसे ठगी का अहसास हुआ और एनसीआरपी पर शिकायत के बाद साइबर थाने में मामला दर्ज कराया। वीडियो के नाम पर धोखे से 81 हजार ठगे साइबर अपराधियों ने सोशल साइट पर वीडियो दिखाकर एक उपभोक्ता से 81 हजार पांच सौ 49 रुपये ठग लिये। घटना नगर के डोभरा पर निवासी सत्येन्द्र के साथ की बतायी जा रही है। अपराधियों ने उसे एक सोशल साइट पर वीडियो दिखाया और उससे रुपये ठग लिये।
मामले में एनसीआरपी पर शिकायत के बाद साइबर थाने में मामला दर्ज कराया गया है। कम्पनी द्वारा रिवार्ड के नाम पर 90 हजार ठगे:- साइबर अपराधियों ने एक नामी ऑनलाइन मार्केटिंग कम्पनी द्वारा काम करने का प्रलोभन देकर नगर की एक महिला से 90 हजार का प्रोडक्ट रिवार्ड के नाम पर एड कराया। रिवार्ड नहीं मिलने पर अपराधियों ने उसे 1.30 लाख का और प्रोडक्ट एड करने के लिए कहा। तब तक महिला समझ चुकी थी कि वह ठगी का शिकार हो चुकी है। पहले उसने एनसीआरपी पर शिकायत की और बाद में साइबर थाने में मामला दर्ज कराया।
सिम निष्क्रिय कर निकाले 3 लाख 20 हजार
साइबर अपराधियों ने एक उपभोक्ता का सिम इनएक्टिव (निष्क्रिय) कर उसके दो बैंक खाते से 03 लाख 20 हजार रुपये निकाल लिये। घटना 22 सितम्बर से 29 सितम्बर के बीच की बतायी जाती है। मंगर बिगहा निवासी पंकज कुमार के मुताबिक 15 सितम्बर को उसका सिम इनएक्टिव हो गया और काम करना बंद कर दिया। उसने कस्टमर केयर पर कॉल कर सिम को एक्टिव कराया। दो दिन बाद फिर से सिम बंद हो गया। कस्टमर केयर ने उसे मिनी ब्रांच में जाने के लिए कहा। वहां बताया गया कि आपका बॉयोमेट्रिक व आयरिस मैच नहीं कर रहा है। 22 सितम्बर को उसने डाकघर से बॉयोमेट्रिक अपडेट कराया। इस बीच उसने बैंक से 10 हजार निकाले और इसके बाद उसके दो बैंक खातों से 03 लाख 20 हजार रुपये निकाल लिये गये। मामले में एनसीआरपी पर शिकायत के बाद साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी।
रोजगार सेवक के खाते से 1.91 लाख निकाले
साइबर अपराधियों ने नवादा के एक रोजगार सेवक के सैलरी अकाउंट से 01 लाख 91 हजार 234 रुपये निकाल लिये। घटना 24 से 27 सितम्बर के बीच की है। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रोजगार सेवक का आरोप है कि अपराधियों ने 24 सितम्बर को उसके खाते से 95 हजार 234 व 27 सितम्बर को 96 हजार रुपये निकाल लिये। मामले में रोजगार सेवक द्वारा एनसीआरपीए पर शिकायत के बाद साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी।
साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति ने कहा कि जो भी ठगी हो रही है, सभी बाहर के अपराधियों द्वारा किये जा रहे हैं। लुभावने विज्ञापन, प्रॉफिट अथवा वीडियो के लालच में नहीं पड़ें। एपीके फाइल को क्लिक नहीं करें। अनजान कॉल, मैसेज अथवा लिंक रिसिव/ओपन नहीं करें। अनजान ग्रुप में नहीं जुड़ें अन्यथा आपके साथ आपके सभी कांटैक्ट्स का फोन हैक हो सकता है। फोन में भारत सरकार का mkavach एप रखें। सावधान रहें सुरक्षित रहें।
भईया जी की रिपोर्ट